पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार शाम रावण दहन के कार्यक्रम के बाद मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 33 हो गई है। मृतकों में 20 महिलाएं, 11 बच्चे और दो पुरुष शामिल हैं। घायलों को इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच और आईजीआईएमएस में भर्ती कराया गया है।
सवाल ये उठ रहे हैं कि लोगों के गांधी मैदान से निकलने के लिए सही तरीके से इंतजाम क्यों नहीं किए गए। हादसे में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री ने दो लाख रुपये और राज्य सरकार ने तीन लाख रुपये की घोषणा की है। राज्य सरकार ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। एडीजी हेडक्वार्टर और गृह आयुक्त इस हादसे की जांच करेंगे। हादसे के बाद नाराज लोगों ने पीएमसीएच अस्पताल के बाहर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि इतने बड़े आयोजन के लिए इंतजाम बेहद खराब किए गए थे। राज्य की ओर से इस भगदड़ के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। हेल्पलाइन नंबर है- 0612−2219810।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बिजली का तार मैदान में गिरने की अफवाह फैलने के बाद भगदड़ मची। हादसे के बाद घटनास्थल का दृश्य बेहद भयावह था। घटनास्थल पर वहां से भागने का प्रयास कर रहे लोगों के जूते, चप्पल करीब एक किलोमीटर तक के रास्ते में बिखरे पड़े थे। सुरक्षा बलों ने पीएमसीएच की घेराबंदी कर दी थी। सैकड़ों लोग पीएमसीएच के चारों ओर बदहवास घूम रहे थे। इनमें से कुछ दहाड़ें मार-मारकर रो रहे थे, तो कुछ अपने लापता परिजनों को तलाशने में जुटे थे।
पटना के जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि निकासी द्वार की ओर भारी भीड़ थी, जहां भगदड़ में कई महिलाएं और बच्चे कुचले गए। बिहार के मुख्यमंत्री गांधी मैदान में मौजूद थे, जहां लोगों ने 60 फुट ऊंचे रावण को लपटों में घिरते हुए देखा।
(इनपुट भाषा से भी)
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