यह ख़बर 04 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

सरदार पटेल आज होते तो नरेंद्र मोदी से बहुत निराश होते : राजमोहन गांधी

नई दिल्ली:

सरदार पटेल को लेकर भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के बीच चल रही खींचतान की पृष्ठभूमि में पटेल के प्रसिद्ध जीवनीकार ने कहा है कि पटेल कभी भी मोदी को अपना वैचारिक उत्तराधिकारी नहीं मानते और उन्हें मोदी के मुस्लिमों के प्रति रवैए से बहुत दुख होता।

देश के पहले गृहमंत्री सरदार पटेल की जीवनी लिखने वाले और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने कहा कि पटेल ऐसा बिल्कुल नहीं मानते कि 2002 में गुजरात के दंगों के समय मोदी ने अपना 'राजधर्म' पूरी तरह निभाया था। इस जुमले का इस्तेमाल तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मोदी की भर्त्सना करने के लिए किया था।

राजमोहन गांधी ने कहा, मुझे लगता है कि यह बात बिल्कुल स्पष्ट है कि पटेल सिर्फ एक राजनीतिज्ञ के तौर पर ही नहीं, बल्कि गुजरात के निवासी होने की वजह से भी इस बात से बहुत निराश, दुखी और परेशान होते कि ऐसी घटनाएं गुजरात में नहीं होनी चाहिए थीं और तत्कालीन सरकार इसे रोकने में सक्षम नहीं रही थी।


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