भुवनेश्वर:
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने पार्टीविरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर राज्यसभा सदस्य प्यारी मोहन महापात्रा एवं दो मंत्रियों सहित चार अन्य को बीजू जनता दल (बीजद) से शुक्रवार को निलम्बित कर दिया।
अपने सरकारी आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं विधायकों के साथ कई घंटे की चर्चा के बाद पटनायक ने यह घोषणा राज्य सचिवालय में की।
पटनायक ने कहा कि दो मंत्रियों को सरकार से बाहर करने के लिए उन्होंने राज्यपाल एमसी भंडारे को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने हालांकि, यह नहीं बताया कि पार्टी से इन नेताओं को कितने वर्षों के लिए निलम्बित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पटनायक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब राज्यसभा के सांसद प्यारी मोहन महापात्रा ने मंगलवार को अपने आवास पर बैठक की और इस बैठक में काफी संख्या में विधायक शामिल हुए। इस बैठक में पार्टी प्रमुख पटनायक के खिलाफ असंतोष जताया गया।
महापात्रा खुले तौर पर राज्य सरकार के कामकाज और पार्टी की आलोचना कर चुके हैं।
पटनायक ने महिला और बाल विकास मंत्री अंजलि बेहरा और वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री संजीव साहू को भी बर्खास्त किया है। साथ ही नौकरशाह से मुख्य रणनीतिकार बने और करीब एक दशक से पटनायक के सलाहकार रहे दो विधायकों प्रभात बिस्वाल और बिभूति बलवंत राय को भी बीजद से निलंबित कर दिया गया है। दोनों विधायक असंतुष्ट खेमे में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनको हटाने की अनुशंसा की है।
लंदन दौरा बीच में ही छोड़कर यहां पहुंचे बीजद प्रमुख एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों और सांसदों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने यह निर्णय किया है। उन्होंने बीजद के नेताओं के साथ कई दौर की बैठक की। इनमें से कुछ नेताओं ने दावा किया कि महापात्र के घर पर हुई बैठक में सरकार गिराने का प्रयास किया गया।
बीजद नेता और पूर्व मंत्री दामोदर राउत ने कहा, ‘नवीन पटनायक जब ब्रिटेन में थे तो उनकी सरकार को गिराने का प्रयास किया गया। इसका खुलासा बीजद के कई नेताओं ने किया जो मंगलवार की रात महापात्र के घर पर बैठक में शामिल थे।’
राउत ने कहा कि अधिकतर नेताओं ने सूचित किया कि उनसे एक कागज पर दस्तखत करने को कहा गया। कुछ ने दावा किया कि महापात्र को बीजद विधायक दल का नेता बनाने के उद्देश्य से यह पहल की गई।
इस हफ्ते की शुरुआत में पार्टी में उस वक्त दरार पैदा हुई जब दो समूहों ने पार्टी सांसद प्यारीमोहन महापात्र और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के घरों पर अलग-अलग बैठक की। महापात्र के घर पर तीन मंत्रियों सहित कम से कम 21 बीजद विधायकों ने बैठक की। कुछ नेताओं ने दावा किया कि पटनायक के विदेश में रहने पर राज्यसभा सदस्य के करीबी एक समूह ने ‘दबाव की रणनीति’ के तहत ऐसा किया।
पटनायक ने लंदन में कहा था, ‘मेरा मानना है कि मेरी अनुपस्थिति में मेरी पार्टी के एक सांसद सरकार के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं और बीजू जनता दल को बांटने का भी प्रयास कर रहे हैं। यह निंदनीय है।’
विधायकों के एक समूह के साथ बैठक और सत्तारूढ़ बीजद में दरार की आशंकाओं के एक दिन बाद पार्टी सांसद प्यारीमोहन महापात्र ने नवीन पटनायक सरकार पर किसी तरह के खतरे की संभावना से इनकार किया और कहा कि उनकी सरकार को गिराने की कोई योजना नहीं है।
महापात्र ने कहा, ‘नवीन पटनायक सरकार को कोई खतरा नहीं है। वह मुख्यमंत्री और बीजद नेता के रूप में पूरी तरह सुरक्षित हैं।’ उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी का मुख्य सलाहकार एवं रणनीतिकार माना जाता है।
महापात्र ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बनने की उनकी कोई आकांक्षा नहीं है। नौकरशाह से राज्ससभा सदस्य बने महापात्र ने कहा, ‘अगर मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता तो इतने वर्ष तक इंतजार करने के बजाय काफी पहले प्रयास किया होता। मैंने 2009 में भी प्रयास किया होता।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विदेश से ही उन्हें फोन किया था और उनके घर कई विधायकों के इकट्ठा होने के बारे में पूछा था और उन्होंने पटनायक से कहा कि कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई और कुछ विधायक अपनी शिकायतों और पार्टी के मामलों पर चर्चा के लिए इकट्ठा हुए थे।
अपने सरकारी आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं एवं विधायकों के साथ कई घंटे की चर्चा के बाद पटनायक ने यह घोषणा राज्य सचिवालय में की।
पटनायक ने कहा कि दो मंत्रियों को सरकार से बाहर करने के लिए उन्होंने राज्यपाल एमसी भंडारे को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने हालांकि, यह नहीं बताया कि पार्टी से इन नेताओं को कितने वर्षों के लिए निलम्बित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पटनायक ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब राज्यसभा के सांसद प्यारी मोहन महापात्रा ने मंगलवार को अपने आवास पर बैठक की और इस बैठक में काफी संख्या में विधायक शामिल हुए। इस बैठक में पार्टी प्रमुख पटनायक के खिलाफ असंतोष जताया गया।
महापात्रा खुले तौर पर राज्य सरकार के कामकाज और पार्टी की आलोचना कर चुके हैं।
पटनायक ने महिला और बाल विकास मंत्री अंजलि बेहरा और वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री संजीव साहू को भी बर्खास्त किया है। साथ ही नौकरशाह से मुख्य रणनीतिकार बने और करीब एक दशक से पटनायक के सलाहकार रहे दो विधायकों प्रभात बिस्वाल और बिभूति बलवंत राय को भी बीजद से निलंबित कर दिया गया है। दोनों विधायक असंतुष्ट खेमे में शामिल हो गए थे।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर उनको हटाने की अनुशंसा की है।
लंदन दौरा बीच में ही छोड़कर यहां पहुंचे बीजद प्रमुख एवं मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं, मंत्रियों और सांसदों के साथ विचार-विमर्श के बाद उन्होंने यह निर्णय किया है। उन्होंने बीजद के नेताओं के साथ कई दौर की बैठक की। इनमें से कुछ नेताओं ने दावा किया कि महापात्र के घर पर हुई बैठक में सरकार गिराने का प्रयास किया गया।
बीजद नेता और पूर्व मंत्री दामोदर राउत ने कहा, ‘नवीन पटनायक जब ब्रिटेन में थे तो उनकी सरकार को गिराने का प्रयास किया गया। इसका खुलासा बीजद के कई नेताओं ने किया जो मंगलवार की रात महापात्र के घर पर बैठक में शामिल थे।’
राउत ने कहा कि अधिकतर नेताओं ने सूचित किया कि उनसे एक कागज पर दस्तखत करने को कहा गया। कुछ ने दावा किया कि महापात्र को बीजद विधायक दल का नेता बनाने के उद्देश्य से यह पहल की गई।
इस हफ्ते की शुरुआत में पार्टी में उस वक्त दरार पैदा हुई जब दो समूहों ने पार्टी सांसद प्यारीमोहन महापात्र और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के घरों पर अलग-अलग बैठक की। महापात्र के घर पर तीन मंत्रियों सहित कम से कम 21 बीजद विधायकों ने बैठक की। कुछ नेताओं ने दावा किया कि पटनायक के विदेश में रहने पर राज्यसभा सदस्य के करीबी एक समूह ने ‘दबाव की रणनीति’ के तहत ऐसा किया।
पटनायक ने लंदन में कहा था, ‘मेरा मानना है कि मेरी अनुपस्थिति में मेरी पार्टी के एक सांसद सरकार के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं और बीजू जनता दल को बांटने का भी प्रयास कर रहे हैं। यह निंदनीय है।’
विधायकों के एक समूह के साथ बैठक और सत्तारूढ़ बीजद में दरार की आशंकाओं के एक दिन बाद पार्टी सांसद प्यारीमोहन महापात्र ने नवीन पटनायक सरकार पर किसी तरह के खतरे की संभावना से इनकार किया और कहा कि उनकी सरकार को गिराने की कोई योजना नहीं है।
महापात्र ने कहा, ‘नवीन पटनायक सरकार को कोई खतरा नहीं है। वह मुख्यमंत्री और बीजद नेता के रूप में पूरी तरह सुरक्षित हैं।’ उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी का मुख्य सलाहकार एवं रणनीतिकार माना जाता है।
महापात्र ने दावा किया कि मुख्यमंत्री बनने की उनकी कोई आकांक्षा नहीं है। नौकरशाह से राज्ससभा सदस्य बने महापात्र ने कहा, ‘अगर मैं मुख्यमंत्री बनना चाहता तो इतने वर्ष तक इंतजार करने के बजाय काफी पहले प्रयास किया होता। मैंने 2009 में भी प्रयास किया होता।’ उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विदेश से ही उन्हें फोन किया था और उनके घर कई विधायकों के इकट्ठा होने के बारे में पूछा था और उन्होंने पटनायक से कहा कि कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई और कुछ विधायक अपनी शिकायतों और पार्टी के मामलों पर चर्चा के लिए इकट्ठा हुए थे।
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