सत्रहवीं लोकसभा में अब तक रिकार्ड बिल पास हुए हैं और दोनों सदनों में कामकाज अप्रत्याशित तरीके से बढ़ा भी है. मोदी सरकार इसी बीच पुराने और बेकार हो चुके कानूनों को भी तेज़ी से खत्म कर रही है. 58 और कानूनों को खत्म करने के लिए शुक्रवार को राज्यसभा में लाए गए रिपीलिंग एंड एमेंडिंग बिल (The Repealing and Amending Bill) को मंजूरी दे दी गई. अब तक मोदी सरकार ने 1824 पुराने कानूनों की पहचान की है. इनमें से 1428 पहले ही खत्म किए जा चुके हैं, 58 और कानून खत्म होने के साथ ही मोदी सरकार अब तक 1486 पुराने कानूनों को हटा चुकी है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश करते हुए कहा, "हमारी सोच है कि देश को कानून से कम से कम परेशान करें. ईज ऑफ लिविंग...ईज ऑफ गवर्नेंस को आगे बढ़ाने के लिए यह किया जा रहा है.
सरकार को इस पहल में विपक्षी दलों का भी साथ मिल रहा है. हालांकि विपक्ष सरकार को आगाह भी कर रहा है कि नए कानून बनाने में तेज़ी से आगे चलकर समस्या भी खड़ी हो सकती है.
सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि 'मैं मोदी सरकार से पूछना चाहती हूं कि उसने जो 25 कानून बनाए थे उन्हें इतनी जल्दी क्यों खत्म किया जा रहा है?' कांग्रेस के सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार विपक्ष को बिना विश्वास में लिए नए कानून बनाती जा रही है, यह सही नहीं है.
बेकार पड़ चुके पुराने कानून खत्म करने में सरकार को इतने विरोध का सामना नहीं करना पड़ रहा है लेकिन इसमें एक संदेश साफ है कि नए कानून बनाने में सरकार को सावधानी बरतनी होगी.
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