प्रणब ने स्पष्ट किया कि किसी को मनरेगा के कामकाज और प्रगति पर ऐतराज हो सकता है लेकिन नरेगा को महात्मा गांधी को समर्पित करने का निर्णय संसद का था।
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नई दिल्ली:
वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने स्पष्ट किया कि किसी को महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कामकाज और प्रगति पर ऐतराज हो सकता है लेकिन नरेगा को महात्मा गांधी को समर्पित करने का निर्णय संसद का था। लोकसभा में बसपा के धनंजय सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान मनरेगा में गंभीर खामी होने का दावा करते हुए कहा कि इस योजना के साथ महात्मा गांधी जैसे महान व्यक्ति का नाम जोड़ा जाना उचित नहीं है। क्योंकि महात्मा गांधी शुचिता और ईमानदारी के प्रतीक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस का एजेंडा है। इस पर प्रणब ने कहा, सदस्य को इतना उत्तेजित नहीं होना चाहिए क्योंकि इस योजना को महात्मा गांधी को समर्पित करने का निर्णय संसद का था। हो सकता है कि आपको इस योजना का कार्यान्वयन और प्रगति पसंद नहीं आ रही हो लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इसका कोई लाभ नहीं हुआ है।
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