लोकसभा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
लोकसभा में अब ज्यादातर कामकाज कागज के बिना होगा, यानि संसद अब पेपरलेस होने की तैयारी में है। हालांकि अभी सांसदों के पास कागजों के इस्तेमाल का विकल्प होगा।
ई-मेल पर दी जाएगी जानकारी
लोकसभा सचिवालय में काम करने वाले छविलाल अब बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि अब उन्हें कागज के बंडल ज्यादा नहीं ढोना पड़ेंगे। बुधवार को सभी दलों की बैठक में फैसला हुआ कि लोकसभा का ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन हो। कागजों की जगह जानकारी मेल कर दी जाए। खासकर सालाना रिपोर्ट और प्रश्न पत्रों में कागज का इस्तेमाल नहीं होगा। एक बुलेटिन कागज पर दी जाती है लेकिन दूसरी बुलेटिन ऑनलाइन कर दी गई है।
सांसदों के शिक्षित होने का सवाल
संसदीय कार्य मंत्री राजीव प्रताप रुढ़ी कहते हैं कि यह एक बहुत बड़ी शुरुआत है। संसद को धीरे-धीरे हम लोग पेपरलेस कर पाएंगे, ऐसी हमें उम्मीद है। इस पर सारे दल एकमत हैं। वहीं पप्पू यादव ने कहा कि हमारे कितने सासंद पढ़े-लिखे हैं। वे कैसे अपना काम करेंगे। पहले आप सासंदों को इस लायक तो बनाइए फिर अपना डिजिटल इंडिया का नारा बुलंद कीजिएगा।
कितने सांसद खुद इस्तेमाल करते हैं दिए गए लैपटॉप का
दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि पहले फोर जी और बिजली तो लाइए तभी तो हम ऑनलाइन काम कर पाएंगे। एक और सांसद ने अपना नाम न लिखे जाने की शर्त पर कहा कि जब सांसदों को पहले ही कंम्पयूटर और लैपटॉप दिए गए थो तो कितने सांसद इसका खुद इस्तेमाल करते हैं, पहले यह देखिए फिर जाकर पेपरलेस कीजिए।
व्यवस्था अच्छी पर लागू नहीं हो सकती
फिलहाल यह व्यवस्था राज्यसभा में लागू नहीं है, पर राज्यसभा से सांसद रामदास अठावले कहते हैं यह अच्छी बात है, पर इसे लागू नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है इसके लिए सांसदों को टैबलेट खरीदने की इजाजत होगी। वहीं एक अनुमान के मुताबिक हर साल लोकसभा में तीन लाख 72 हजार पन्ने बरबाद हो जाते हैं। वैसे शुरुआत तो अच्छी है लेकिन कितना सफल हो पाएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
ई-मेल पर दी जाएगी जानकारी
लोकसभा सचिवालय में काम करने वाले छविलाल अब बहुत खुश हैं। वे कहते हैं कि अब उन्हें कागज के बंडल ज्यादा नहीं ढोना पड़ेंगे। बुधवार को सभी दलों की बैठक में फैसला हुआ कि लोकसभा का ज्यादा से ज्यादा काम ऑनलाइन हो। कागजों की जगह जानकारी मेल कर दी जाए। खासकर सालाना रिपोर्ट और प्रश्न पत्रों में कागज का इस्तेमाल नहीं होगा। एक बुलेटिन कागज पर दी जाती है लेकिन दूसरी बुलेटिन ऑनलाइन कर दी गई है।
सांसदों के शिक्षित होने का सवाल
संसदीय कार्य मंत्री राजीव प्रताप रुढ़ी कहते हैं कि यह एक बहुत बड़ी शुरुआत है। संसद को धीरे-धीरे हम लोग पेपरलेस कर पाएंगे, ऐसी हमें उम्मीद है। इस पर सारे दल एकमत हैं। वहीं पप्पू यादव ने कहा कि हमारे कितने सासंद पढ़े-लिखे हैं। वे कैसे अपना काम करेंगे। पहले आप सासंदों को इस लायक तो बनाइए फिर अपना डिजिटल इंडिया का नारा बुलंद कीजिएगा।
कितने सांसद खुद इस्तेमाल करते हैं दिए गए लैपटॉप का
दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा कि पहले फोर जी और बिजली तो लाइए तभी तो हम ऑनलाइन काम कर पाएंगे। एक और सांसद ने अपना नाम न लिखे जाने की शर्त पर कहा कि जब सांसदों को पहले ही कंम्पयूटर और लैपटॉप दिए गए थो तो कितने सांसद इसका खुद इस्तेमाल करते हैं, पहले यह देखिए फिर जाकर पेपरलेस कीजिए।
व्यवस्था अच्छी पर लागू नहीं हो सकती
फिलहाल यह व्यवस्था राज्यसभा में लागू नहीं है, पर राज्यसभा से सांसद रामदास अठावले कहते हैं यह अच्छी बात है, पर इसे लागू नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है इसके लिए सांसदों को टैबलेट खरीदने की इजाजत होगी। वहीं एक अनुमान के मुताबिक हर साल लोकसभा में तीन लाख 72 हजार पन्ने बरबाद हो जाते हैं। वैसे शुरुआत तो अच्छी है लेकिन कितना सफल हो पाएगा यह तो वक्त ही बताएगा।
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