कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगाम कसने के लिये सरकार ‘‘गैर सांविधिक'' दिशानिर्देश लेकर आयी है, जिसके लिए संसद की मंजूरी नहीं ली गयी है तथा इसमें नौकरशाह को असीम शक्तियां दी गयी है जिसका दुरूपयोग हो सकता है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि सोशल मीडिया को बिना नियमन के नहीं छोड़ा जा सकता है. किंतु उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी आदेशों एवं गैर सांविधिक नियमों के द्वारा इसे नियंत्रित करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिये.
उन्होंने इन नियमों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं रचनात्कता के लिये ‘बेहद खतरनाक' करार दिया. गौरतलब है कि सरकार ने गुरुवार को कहा था कि समाचार प्रकाशकों, ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया के लिए ''आचार संहिता'' और त्रिस्तरीय शिकायत व्यवस्था लागू होगी.
सोशल मीडिया और डिजिटल कंटेंट के लिए सरकार ले आई नए कानून, पढ़ें अहम बातें
क्या हैं गाइडलाइंस
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अफसरों की तैनाती करनी होगी.
- किसी भी आपत्तिजनक कंटेंट को 24 घंटे में हटाना होगा.
- प्लेटफॉर्म्स को भारत में अपने नोडल ऑफिसर, रेसिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी.
- इसके अलावा हर महीने कितनी शिकायतों पर एक्शन हुआ, इसकी जानकारी देनी होगी.
- अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है, उसकी जानकारी देनी जरूरी है क्योंकि उसके बाद ही लगातार वो सोशल मीडिया पर फैलता रहता है. इसमें भारत की संप्रभुता, सुरक्षा, विदेशी संबंध, रेप जैसे अहम मसलों को शामिल किया जाएगा.
- ये गाइडलाइंस सभी पर लागू होगी चाहे वो कोई पॉलिटिकल पार्टी हो या पार्टी विशेष से जुड़ा कोई भी व्यक्ति हो.
- ओटीटी प्लेटफॉर्म/डिजिटल मीडिया को अपने काम की जानकारी देनी होगी, वो कैसे अपना कंटेंट तैयार करते हैं. इसके बाद सभी को सेल्फ रेगुलेशन को लागू करना होगा. इसके लिए एक बॉडी बनाई जाएगी जिसे सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज या कोई अन्य व्यक्ति हेड करेंगे.
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह ही डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी गलती पर माफी प्रसारित करनी होगी.
Video: OTT-सोशल मीडिया पर कसेगी नकेल
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं