मॉनसून सत्र: 2014 के बाद सबसे अधिक हंगामा, फिर भी राज्यसभा में रोज पारित हुआ एक विधेयक

संसद के मानसून सत्र में वर्ष 2014 के बाद सबसे अधिक हंगामा देखने को मिला है. इतने हंगामे के बाद भी राजयसभा में औसतन एक से अधिक विधेयक हर दिन पारित किए गए.

मॉनसून सत्र: 2014 के बाद सबसे अधिक हंगामा, फिर भी राज्यसभा में रोज पारित हुआ एक विधेयक

Parliament Monsson Session: हंगामे के बावजूद राज्यसभा में रोज पारित हुआ एक विधेयक. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद के मानसून सत्र में वर्ष 2014 के बाद ‘‘सबसे अधिक हंगामे'' के बावजूद राजयसभा में औसतन एक से अधिक विधेयक हर दिन पारित किया गया. सत्र के दौरान उच्च सदन में राज्यों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) जातियों की पहचान और सूची तैयार करने का अधिकार देने वाले संविधान संशोधन विधेयक सहित 19 विधेयक पारित किए गये. सरकार ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद यह दूसरा मौका था जब इतनी संख्या में विधेयक पारित किए गए. सरकार का कहना है कि संसद में विधायी कामकाज निपटाने की यह उसकी ‘‘प्रतिबद्धता'' और ‘‘क्षमता'' को दर्शाता है.

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वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ. इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 76 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ. यह 2014 में राज्यसभा के 231वें सत्र के बाद व्यवधानों व स्थगनों के चलते 4 घंटे 30 मिनट के साथ प्रतिदिन औसतन सबसे ज्यादा समय का नुकसान था. सरकार ने एक बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2014 के बाद सर्वाधिक व्यवधान के बावजूद राजयसभा में प्रतिदिन 1.1 विधेयक पारित किया गया. यह वर्ष 2014 के बाद राज्यसभा में पारित किए गए विधेयकों का दूसरा सर्वाधिक आंकड़ा है.

सरकार ने कहा, ‘‘सभी प्रकार के हंगामे और व्यवधान के बावजूद राज्यसभा में एक संविधान संशोधन विधेयक सहित 19 विधेयक पारित किए गए. यह विधेयक राष्ट्रीय हित में हैं और इनसे गरीबों, ओबीसी, कामगारों, उद्यमियों और समाज के सभी वर्गों को लाभ मिलेगा.'' सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा 22 विधेयक पारित किए गए, जिनमें 2021-22 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों से संबंधित दो विनियोग विधेयक और 2017-2018 के लिए अधिक अनुदान की मांग शामिल हैं, जिन्हें लोकसभा द्वारा पारित किया गया और राज्यसभा को भेजा गया. इन विधेयकों को अनुच्छेद 109(5) के तहत पारित माना जाता है.

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इस सत्र में दोनों सदनों में पारित किए गए विधेयकों में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान विधेयक, 2021, नौवहन के लिए समुद्री सहायता विधेयक, 2021, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2021, फैक्टरिंग नियमन (संशोधन) विधेयक, 2021, अंतर्देशीय पोत विधेयक, 2021, दिवाला और दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक, 2021, नारियल विकास बोर्ड (संशोधन), विधेयक, 2021, भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग विधेयक, 2021, आवश्यक रक्षा सेवा विधेयक, 2021, सीमित देयता भागीदारी (संशोधन) विधेयक, 2021, जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक, 2021, संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक, 2021, न्यायाधिकरण सुधार विधेयक, 2021, कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2021, केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2021, सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021, राष्ट्रीय होम्योपैथी आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021, भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (संशोधन) विधेयक, 2021, संविधान (एक सौ सत्ताईसवां संशोधन) विधेयक, 2021, विनियोग (नंबर 3) विधेयक, 2021 और विनियोग (नंबर 4) विधेयक, 2021 शामिल हैं.

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संसद का मानसून सत्र-2021, 19 जुलाई को शुरू हुआ था. इसे 11 अगस्त, 2021 को अनिश्चितकाल के लिए स्थागित कर दिया गया है. इस सत्र में 24 दिनों की अवधि में 17 बैठकें आयोजित की गई. इस सत्र में मूल रूप से 19 जुलाई से 13 अगस्त तक 19 बैठकें आयोजित करने का कार्यक्रम था. दोनों सदनों में लगातार व्यवधान और आवश्यक सरकारी कामकाज के पूरा होने के कारण इस सत्र में कटौती की गई.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)