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5 years ago
नई दिल्ली:

विपक्ष के भारी विरोध के बीच मोदी सरकार गुरुवार को दो बिल पास करवाने में सफल रही. तीन तलाक बिल जहां लोकसभा से पास हुआ, वहीं, आरटीआई संशोधन विधेयक को सरकार राज्यसभा से पास करवाने में कामयाब रही. तीन तलाक बिल पर वोटिंग के दौरान पक्ष में 303 वोट, जबकि विरोध में 82 मत डाले गए. बता दें कि वोटिंग से पहले संसद से जेडीयू, टीआरएस, YSR कांग्रेस और TMC सांसदों ने वॉकआउट कर दिया और जेडीयू, टीएमसी वोट से अलग रहीं, वहीं, बीजेडी ने बिल के पक्ष में वोट किया. टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस बिल के खिलाफ रही. उधर, राज्यसभा में आरटीआई संशोधन विधेयक पर वोटिंग से पहले ही कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया. हालांकि सरकार ने इस बिल के लिए ज़रूरी नंबर पहले से ही जुटा लिए थे जब NDA के बाहर की कई पार्टियों का समर्थन उसे हासिल हो गया था. TRS, BJD और PDP भी इस बिल पर सरकार के साथ रही. 

इससे पहले बिल पर चर्चा करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक बिल पर लोकसभा में कहा, "ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 24 जुलाई, 2019 तक ट्रिपल तलाक के 345 मामले सामने आ चुके हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि यह इंसाफ और इंसानियत का मामला है, हमें मुस्लिम बहनों की चिंता है. लोकसभा में जहां चर्चा के बाद उसके पास होने की उम्मीद है. इस बिल को लेकर बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए कहा था. विधेयक में एक साथ तीन तलाक कह दिए जाने को अपराध करार दिया गया और साथ ही दोषी को जेल की सज़ा सुनाए जाने का भी प्रावधान है. अपने दूसरे कार्यकाल में मोदी सरकार ने मई में इस बिल का मसौदा पेश किया था, जिसको लेकर कई विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई थी. विपक्ष के साथ बिहार में एनडीए में सहयोगी जेडीयू भी इस बिल का विरोध करती है. आपको बता दें कि लोकसभा में तो सरकार के पास इस बिल को पास कराने के लिए पर्याप्त नंबर है लेकिन राज्यसभा से इसे पास कराना आसान नहीं होगा. 

Rajya Sabha Lok sabha Updates:

RTI संशोधन बिल सेलेक्ट कमेटी में नहीं भेजा जाएगा. सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया है. प्रस्ताव के खिलाफ 117, विपक्ष में 75 वोट पड़े.
राज्यसभा में RTI संशोधन बिल पर वोटिंग से पहले कांग्रेस का वॉकआउट.
विपक्ष के विरोध के बीच तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हो गया. वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 303 वोट, जबकि विरोध में 82 मत डाले गए.
तीन तलाक बिल पर वोटिंग से पहले संसद से जेडीयू, टीआरएस, YSR कांग्रेस और TMC का वॉकआउट. 

लोकसभा में तीन तलाक बिल पर वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई. 
AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिल में आप कह रहे हैं कि अगर किसी पति ने पत्नी को तीन बार तलाक कह दिया तो शादी नहीं टूटती, सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी यही कहता है फिर आप ये क्यों कर रहे हैं. ये महिलाओं के खिलाफ है. जब 3 साल की सजा हो जाए पति जेल में रहे तो औरत 3 साल तक का इंतजार करें. आज जब 3 साल के बाद वो आए तो क्या कहे की बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है. आप एक प्रावधान लाइए कि अगर कोई ट्रिपल तलाक देता है तो मेहर की रकम का 500 गुना उसे भरना पड़े.
कांग्रेस सासंद गौरव गोगोई ने कहा कि क्या स्टैंडिंग कमिटी में बिल भेजने की मांग करना भी मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ हो गया. आप मुस्लिम संगठनों से सलाह मशवरा कीजिए. उनके साथ बैठिए. अगर आपको सबका साथ सबका विश्वास चाहिए तो आप सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मॉब लिंचिंग पर लॉ लाइए.
जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने लोकसभा में ट्रिपल तलाक बिल का विरोध किया है. JDU सांसद राजीव रंजन सिंह ने कहा, "यह बिल एक खास समुदाय में अविश्वास की भावना पैदा करेगा, हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन नहीं करेगी..."
हमने विपक्ष की तीन चिंताओं को माना और इसका समन किया है. इस बिल में खून के संबंधी ही एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. समझौते की गुंजाइश रखी गई है. मजिस्ट्रेट जमानत दे सकता है पर पीड़िता को सुनने के बाद. -मुख्तार अब्बास नकवी
इस देश ने सती प्रथा और बाल विवाह को खत्म किया. तब भी कुछ लोगों ने उसे धार्मिक रंग देने की कोशिश की. आज तीन तलाक बिल को भी धार्मिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. जो कह रहे हैं कि तीन साल के लिए जेल चले जाएंगे तो ऐसा काम ही क्यों करें कि जेल जाना पड़े- मुख्तार अब्बास नकवी
लोकसभा से जदयू ने किया वॉकआउट. 
किसी भी विवादास्पद मुद्दे को लेकर हम एनडीए के साथ नहीं हैं. हम इस बिल का समर्थन नहीं करते हैं. आप कानून बना कर पति पत्नी के रिश्ते को तय नहीं कर सकते. उस समाज को तय करने दीजिए, उनमें जागृति पैदा कीजिए. - राजीव रंजन सिंह, जेडीयू
तीन तलाक बिल पर चर्चा के दौरान आरएसपी के सांसद एनके प्रेमचंद्रणन: आप हिंदू और ईसाई समुदायों में तलाक के लिए कारावास का प्रावधान क्यों नहीं कर रहे. मुस्लिम समुदाय में अकेले क्यों? यह मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव है.
आरटीआई संशोधन बिल पर सरकार को बड़ी राहत. एनडीए के बाहर की कई पार्टियों का समर्थन मिला
. टीआरएस, बीजेडी और पीडीपी सरकार के साथ. सेलेक्ट कमेटी को भेजने की विपक्ष की साझा मुहिम को झटका. बिल राज्य सभा से पारित होने की संभावना बढ़ी. राज्य सभा में एनडीए को बहुमत नहीं है.
तीन तलाक बिल पर चर्चा: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बोले- मुस्लिम बहनों की हमें चिंता
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्रिपल तलाक बिल पर लोकसभा में कहा, "ट्रिपल तलाक पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 24 जुलाई, 2019 तक ट्रिपल तलाक के 345 मामले सामने आ चुके हैं..."
समाजवादी पार्टी (SP) के सांसद एस.टी. हसन ने कहा, "मैं ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ हूं... सरकार को किसी मज़हब के अंदरूनी मामलात में दखल नहीं देना चाहिए... एक छोटा समुदाय, अबू हनीफा के अनुयायी, ट्रिपल तलाक को मानते हैं... यह फैसला लड़की और उसके माता-पिता पर छोड़ देना चाहिए, अगर निकाह की रसीद में दर्ज हो कि लड़के के पक्ष वाले इस समुदाय के अनुयायी हैं... इसे अपराध बनाने वाले क्लॉज़ के तहत तीन साल की कैद और महिला को पुरुष की ओर से हर्ज़ा-खर्चा दिए जाने का प्रावधान है... वह कैसे हर्ज़ा-खर्चा दे पाएगा, जब वह जेल में होगा...? मुस्लिम तीन साल के लिए जेल जाएगा, और अन्य लोग एक साल के लिए, क्या यह इंसाफ है...?"
लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा जारी है.
डेरेक ओ ब्रायन: हम आज मांग करेंगे कि आरटीआई समेत 7 अहम बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाएं. ये संसद की परंपरा है. आप विपक्ष को ध्वस्त नहीं कर सकते.
दिल्ली : MDMK नेता वाइको ने राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की.
अगस्त तक के लिए बढ़ाया जाएगा संसद सत्र, आधिकारिक घोषणा आज ही संभव : संसदीय कार्यमंत्री
NDTV संवाददाता के अनुसार, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया, संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को 6 अगस्त तक के लिए बढ़ाया जा रहा है, जिसकी आधिकारिक घोषणा गुरुवार को ही कर दिए जाने की संभावना है. c
तीन तलाक बिल पर नवनीत राणा: मैं इसका समर्थन करती हूं. ये महिलाओं के हक का मामला है. विपक्ष की चिंता दूर हो तो बेहतर. तीन साल की सजा जैसा प्रावधान का समर्थन नहीं. लेकिन बिल के पीछे मकसद का समर्थन.

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