पालघर (Palghar) में दो साधुओं की हत्या (Sadhus Murder) के मामले की सीबीआई या NIA जांच की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई टली गई. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगले हफ्ते सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई टालने की मांग की. बता दें कि पिछली सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार ने SC को बताया था कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित या सेवाओं से निलंबित कर दिया गया है.
वहीं महाराष्ट्र पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है. महाराष्ट्र पुलिस ने सीबीआई जांच की मांग का विरोध किया है. पुलिस ने कहा है कि याचिका खारिज करने के साथ याचिकाकर्ता पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए. राज्य CID गहन जांच के बाद पहले ही दो चार्जशीट दायर कर चुकी है. इन चार्जशीट को भी कोर्ट में दाखिल किया गया है. अपराध को रोकने में नाकाम/ज़िम्मेदारी के निर्वहन में जिनकी लापरवाही पाई गई, उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच गई.
विभागीय जांच में दोषी पाए गए अस्सिटेंट पुलिस इंस्पेक्टर आनंदराव शिवाजी काले को सर्विस से बर्खास्त किया गया है. इसके अलावा असिस्टेंट पुलिस सब इस्पेक्टर रविन्द्र दिनकर सालुंनखे और हेड कांस्टेबल नरेश ढोंडी को कंपलसरी रिटायरमेंट दिया गया है. इसके अलावा लापरवाही के दोषी 15 दूसरे पुलिसकर्मियों को दो / तीन साल के लिए न्यूनतम सेलरी दिए जाने का दंड दिया गया है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है . पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर क्या कार्रवाई की गई. साथ ही मामले में दाखिल चार्जशीटों को अदालत के सामने रखने को कहा था.
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