भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक को लेकर चल रही तनातनी के बीच आज पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अज़ीज़ ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि 'भारत के पाकिस्तान पर लगाए गए आरोप गलत हैं और उसके आरोपों में सच्चाई नहीं है। पाकिस्तान आज भी भारत से बातचीत को तैयार है और वह उफा में बनी सहमति से पीछे नहीं हटा है, क्योंकि उफा में बनी सहमति में कश्मीर भी शामिल था। भारत ने दूसरी दफ़ा बातचीत को रद्द किया है। अब बातचीत होगी या नहीं, यह भारत तय करे।'
उन्होंने कहा, भारत ने हम पर हुर्रियत नेताओं से न मिलने की शर्त लगाई, जो पाकिस्तानी समारोह में मेहमानों की सूची को नियंत्रित करने जैसा है। जबकि पाकिस्तान पर नई शर्तों को लगाए जाने का आरोप कतई सही नहीं है। अपनी तरफ से मैं अब भी एनएसए स्तर की वार्ता के लिए बिना शर्त नई दिल्ली जाने को तैयार हूं।'
अजीत ने कहा, 'शांति बनाए रखना भारत और पाकिस्तान की साझा जिम्मेदारी है। पाकिस्तान ने उफा में हुई सहमति को ध्यान में रखते हुए सभी लंबित मुद्दों पर वार्ता के तौर तरीकों का पता लगाने सहित तीन सूत्री एजेंडा का प्रस्ताव रखा है। वार्ता में आतंकवाद में रॉ से संबंधित भूमिका का डॉजियर भी भारत को दिया जाएगा। उलटा भारत पर पाक पर दबाव बनाने का आरोप हास्यास्पद है। पाक का 3 सूत्री एजेंडा उफा के मुताबिक ही है।'
सरताज अजीज ने आगे कहा, 'अगर बातचीत नहीं हुई तो दोनों मुल्कों के बीच तनाव और बढ़ जाएगा, क्योंकि बातचीत का मकसद केवल तनाव को घटाना था। उन्होंने भारत पर मीडिया के जरिए भारत कूटनीति करने का आरोप भी लगाया। साथ ही उन्होंने हुर्रियत नेताओं को हिरासत में लिए जाने पर हैरानी भी जताई। उन्होंने कहा, 'औपचारिक तौर पर अभी कुछ भी रद्द नहीं किया गया है और बातचीत से बहुत कुछ हासिल होने वाला नहीं है।'
उन्होंने आरोप लगाया कि 'भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी शर्तों पर पाकिस्तान से बातचीत करना चाहते हैं, जिसमें कश्मीर शामिल नहीं है, ऐसा कतई मुमकिन नहीं है। भारत और पाकिस्तान के लिए कश्मीर एक बेहद अहम मुद्दा है।'
अब शाम चार बजे भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी इसी मुद्दे पर मीडिया से बात करेंगी, जिसके बाद 23-24 अगस्त को प्रस्तावित NSA स्तर की बातचीत पर सस्पेंस ख़त्म हो सकता है।
इससे पहले कल पूरे दिन दोनों देश एक-दूसरे पर शर्तें थोपने और उफ़ा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुए समझौते को तोड़ने की कोशिश का इल्ज़ाम लगाते रहे। पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से मिलने और कश्मीर मुद्दे पर चर्चा की ज़िद पर अड़ा है।
वहीं, भारत ने भी साफ़ संदेश दे दिया है कि सिर्फ़ आतंकवाद के मुद्दे पर ही बातचीत होगी और इसमें किसी तीसरे पक्ष का दख़ल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारत ने हुर्रियत प्रतिनिधियों को पाकिस्तान के आमंत्रण को 'भड़काऊ कदम' करार दिया है और आरोप लगाया कि इस्लामाबाद आतंकवाद पर वास्तविक चर्चा करने की अपनी प्रतिबद्धता से बचने की कोशिश कर रहा है, जिस पर वह पिछले महीने रूस के उफा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवाज शरीफ के बीच हुई बैठक में सहमत हुआ था।
भारत ने कहा है कि पूर्व शर्त के रूप में हुर्रियत नेताओं से मिलने की इस्लामाबाद की जिद उफा सहमति से पूरी तरह भागने का प्रयास है। इसके अतिरिक्त, भारत का हमेशा से यह रुख रहा है कि द्विपक्षीय संबंधों में तीन नहीं, सिर्फ दो पक्ष हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने शुक्रवार को कहा था कि एकतरफा ढंग से नई शर्तें थोपना और सहमत एजेंडे को तोड़ना-मरोड़ना आगे बढ़ने का आधार नहीं हो सकता। पाकिस्तान ने शुक्रवार रात कहा था कि वह एनएसए स्तर की वार्ता के लिए भारत द्वारा 'पूर्व शर्त' लगाए जाने से काफी निराश है। उसने भारत पर आरोप लगाया कि वह 'बेमतलब' बहाने कर उच्चतम स्तर पर बनी सहमति के फैसले से पीछे हट रहा है। (इनपुट भाषा से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं