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This Article is From Oct 10, 2019

ड्रोन के पीछे पाकिस्तानी 'स्टेट ऐक्टर्स' का हाथ, खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट

पिछले कुछ हफ्तों में ड्रोन से संबंधित घटनाओं के बारे में खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इसके पीछे पाकिस्तानी 'स्टेट ऐक्टर्स' का हाथ है.

ड्रोन के पीछे पाकिस्तानी 'स्टेट ऐक्टर्स' का हाथ, खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट
Home Ministry Told ड्रोन के पीछे पाकिस्तानी 'स्टेट ऐक्टर्स' का हाथ.

कश्मीर (Kashmir) के मुद्दे पर चौतरफा मात मिलने के बाद से पाकिस्तान (Pakistan) बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान की तरफ से लगातार घुसपैठ की कोशिशें की जा रही हैं. पिछले कुछ हफ्तों में ड्रोन से संबंधित घटनाओं के बारे में खुफिया एजेंसियों ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है. सूत्रों ने NDTV को बताया कि रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि इसके पीछे पाकिस्तानी 'स्टेट ऐक्टर्स' का हाथ है. रिपोर्ट में ये अंदेशा भी जताया गया है कि कुछ ड्रोन बिना रोक-टोक के आकर वापस चले गए हों.

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रिपोर्ट में सीमा सुरक्षा बल और भारतीय वायुसेना पर भी सवाल उठाए गए हैं कि वो ड्रोन की मौजूदगी की टोह लेने में नाकाम क्यों रहे. बीएसएफ़ ने मंत्रालय को बताया कि उनके पास टोह लेने की क्षमता नहीं है. वहीं, भारतीय वायुसेना ने कहा कि ड्रोन राडार की पकड़ में नहीं आते. बता दें कि 'स्टेट ऐक्टर्स' उन्हें कहा जाता है जो सरकार के इशारों पर काम करता है. सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से पाकिस्तान के 'स्टेट ऐक्टर्स' की भूमिका की जांच करने को कहा है.

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इसके अलावा राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) को कहा गया है कि एक ऐसी तकनीक विकसित करें, जिससे ड्रोन की फ्रिक्वेंसी का पता चल सके. हम देखते हैं कि ड्रोन किसी फ्रिक्वेंसी पर ही चलता है क्योंकि कोई इसे चला रहा होता है. बता दें कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन पहले से ही फ्रिक्वेंसी का पता लगाने पर काम कर रहा है, जो ड्रोन और उनके बेस स्टेशनों के बीच संपर्क का पता करने में मदद करेगा.

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पंजाब पुलिस के सूत्रों ने इससे पहले NDTV को बताया था कि 'एके-47 राइफल्स और ग्रेनेड की भारी मात्रा को ड्रोन के जरिए अमृतसर भेजा गया. ये ड्रोन पाकिस्तान से आए थे. सूत्रों ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में आठ उड़ानें हुईं और ये हथियार आतंकवादियों के लिए थे जो जम्मू-कश्मीर में परेशानी पैदा करने के लिए उनका इस्तेमाल कर सकते थे. बुधवार को भी पंजाब में दो स्थानों से ग्रामीणों द्वारा ड्रोन देखे जाने की खबर मिली. पहला ड्रोन हज़रतसिंह वाला गांव से शाम 7.20 बजे और इसके बाद फिरोजपुर जिले के तेंदुआवाला गांव से 10.10 बजे सूचना मिली थी. बता दें कि रिपोर्ट में कहा गया है कि बरामद ड्रोन में से एक चीन में बना हुआ था. पाकिस्तान रेंजर्स को चीनी तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है.

VIDEO: पाकिस्तान से हथियारों के जखीरे की ड्रोन के जरिये डिलीवरी

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