हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम को लेकर पूछे गए सवाल पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कही यह बात

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि जो मैंने कहा, मैं उसपर कायम रहूंगा. पुरानी बातों के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं.

हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम को लेकर पूछे गए सवाल पर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कही यह बात

दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में भारत में वांछित है.

खास बातें

  • 'पुरानी बातों के लिए मैं ज़िम्मेदार नहीं'
  • 'कश्मीर मुद्दा सुलझाया जा सकता है'
  • 'एकतरफ़ा कदमों से कुछ नहीं होता है'
नई दिल्ली:

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के साथ शांति बहाल करने की बात कही. इमरान खान  (Imran Khan) से जब NDTV ने दाऊद इब्राहिम और मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद के बारे में पूछा तब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि पुरानी बातों के लिए मुझे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि जो मैंने कहा, मैं उसपर कायम रहूंगा. पुरानी बातों के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. हमसे भी संसद में जवाब तलब होता है. उन्होंने एक बार फिर कहा कि कश्मीर मुद्दा सुलझाया जा सकता है. आतंक के लिए हमारी ज़मीन का इस्तेमाल हमारे हित में नहीं है. उन्होंने कहा कि एकतरफा कदमों से कुछ नहीं होता है. उन्होंने हाफिज सईद के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 26/11 का मामला अभी अदालत में है. बता दें कि दाऊद इब्राहित 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाके का आरोपी है. धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे. 

 

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भारतीय पत्रकारों के समूह से बात करते पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान.


इमरान खान ने कश्मीर मुद्दे पर कहा कि दोनों तरफ जो लीडरशिप है वह चाह ले तो कश्मीर मुद्दा आसानी से सुलझाया जा सकता है. इमरान ने न्यूयॉर्क में हुई यूएनजीए के बैठक के बार में कहा कि जिस तरफ से बैठक रद्द किया गया वह सही नहीं है. जिस तरह से मीटिंग रद्द की गई उससे लगता है कि बातचीत करना ही नहीं चाहते. बता दें कि न्यूयॉर्क में बैठक के दौरान सुषमा स्वराज की पाक विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बैठक होने वाली थी. 

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इमरान ने बार-बार कहा कि हमें पुरानी बातों को भुलाकर आगे बढ़ना चाहिए. आतंकवाद के सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आतंकवाद भारत के ही नहीं किसी और देश के खिलाफ होना भी ठीक नहीं है. हाल ही में इमरान ने एक ट्वीट कर कहा था, 'शांति वार्ता के लिए मेरी पेशकश पर भारत की नकारात्मक प्रतिक्रिया से निराश हूं. हालांकि, मैंने अपनी पूरी जिंदगी बड़े दफ्तर में विराजमान ऐसे छोटे लोगों को देखता आया हूं जिनके पास दूरदर्शिता नहीं है और बड़ी तस्वीर देखने की काबिलियत नहीं है.' इस पर यह कयास लगाए गए थे कि उन्होंने यह ट्वीट नरेंद्र मोदी को लेकर किया था.

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हालांकि इस पर उन्होंने कहा कि यह नरेंद्र मोदी के लिए नहीं कहा गया था. उन्होंने यह भी कहा कि मोदी चुने हुए लीडर हैं और वह बात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि जिम्मेदारी सिर्फ पाकिस्तान की नहीं बल्कि भारत की भी बनती है बातचीत के लिए.

आपको बता दें कि एक दिन पहले करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम में इमरान खान ने भारत से संबंध बढ़ाने की बात की थी. हालांकि इस दौरान उन्होंने आतंकवाद पर चुप्पी साधे रखी और धार्मिक कार्यक्रम में कश्मीर का मुद्दा उठा दिया. इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई थी.

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