पाकिस्तान ने सोमवार देर रात से अपने हवाई क्षेत्र को सभी तरह के असैन्य उड़ानों के लिए खोल दिया है. इसकी जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है. इसके साथ ही फरवरी में हुए बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र में भारतीय उड़ानों पर लगा प्रभावी प्रतिबंध समाप्त हो गया है. इससे सबसे ज्यादा लाभ एअर इंडिया को होगा क्योंकि फरवरी से अभी तक अपनी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों, खास तौर से अमेरिका और यूरोप जाने वाली उड़ानों, को दूसरे रास्ते से ले जाने के कारण कंपनी को करीब 491 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
सूत्रों ने सोमवार देर रात बताया, ‘पाकिस्तान ने आज रात 12 बजकर 41 मिनट से सभी विमानन कंपनियों को अपने हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने की अनुमति दे दी है. भारतीय विमानन कंपनियां जल्दी ही पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से होते हुए अपने सामान्य रूट से उड़ानें शुरू कर सकेंगी.' पाकिस्तान के नागर विमानन प्राधिकरण ने भारतीय समयानुसार देर रात 12 बजकर 41 मिनट पर एयरमैन (एनओटीएएम) को एक नोटिस जारी कर कहा कि ‘पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र को सभी ज्ञात एटीएस रूट पर सभी असैन्य उड़ानों के लिए तत्काल प्रभाव से खोला जाता है.'
Pakistan Civil Aviation Authority issues notice to airmen (NOTAM), states "with immediate effect Pakistan airspace is open for all type of civil traffic on published ATS (air traffic service) routes". pic.twitter.com/UMuOnK3WSg
— ANI (@ANI) July 16, 2019
पाकिस्तान ने 26 फरवरी को बालाकोट में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारतीय वायुसेना के हमले के बाद से अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया था. भारत ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले के विरोध में ऐसा किया था. हमले में 40 जवान मारे गए थे.
उसके बाद से पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र के ज्ञात 11 रूट में से सिर्फ दो खोले थे जो देश के दक्षिणी हिस्से से होकर गुजरते थे.
जहां तक बात भारत की है भारतीय वायुसेना ने 31 मई को कहा था कि बालाकोट हवाई हमले के बाद भारतीय हवाई क्षेत्र पर लगे अस्थाई प्रतिबंध को हटा लिया गया है. हालांकि इससे व्यावसायिक उड़ानों को ज्यादा लाभ नहीं हुआ क्योंकि उन्हें पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के पूरी तरह खुलने का इंतजार था.
वहीं एक अन्य खबर के मुताबिक मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जेयूडी प्रमुख हाफिज सईद और उसके तीन सहयोगियों को पाकिस्तान में आतंक रोधी एक अदालत ने, अपने मदरसे के लिए जमीन के अवैध इस्तेमाल से जुड़े मामले में तीन अगस्त तक अग्रिम जमानत दे दी. लाहौर में आतंक रोधी अदालत (एटीसी), ने सईद और उसके सहयोगियों- हाफिज मसूद, अमीर हमजा और मलिक जफर को 50-50 हजार रुपये के मुचलके पर तीन अगस्त तक अंतरिम जमानत दे दी. इससे पहले ‘डॉन' अखबार ने खबर दी थी कि एटीसी ने जेयूडी नेताओं को 31 अगस्त तक अंतरिम जमानत प्रदान की है.
आतंक रोधी विभाग (सीटीडी) ने लाहौर में अवैध तरीके से एक भूखंड हड़पने और उस पर मदरसा बनाने के लिए सईद और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. न्यायाधीश वारीच ने पंजाब पुलिस के सीटीडी को सईद और उसके तीन सहयोगियों को तीन अगस्त तक मामले में गिरफ्तार करने से रोक दिया. अधिकारियों के मुताबिक जेयूडी 300 मदरसे और स्कूलों, अस्पतालों,एक प्रकाशन गृह और एंबुलेंस सर्विस का संचालन करता है.
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पंजाब पुलिस ने कहा कि मार्च में सरकार ने जेयूडी और उसकी चैरिटी संस्था ‘फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन' (एफआईएएफ) से जुड़े 160 मदरसों, 32 स्कूलों, दो कॉलेजों, चार अस्पतालों, 178 एंबुलेंस और 153 चिकित्सालयों पर रोक लगा दी थी. सईद के नेतृत्व वाले जेयूडी को 2008 मुंबई हमले के लिए जिम्मेदार लश्करे तैयबा का मुखौटा संगठन माना जाता है . संबंधित घटनाक्रम में, लाहौर उच्च न्यायालय ने सईद और उसके सात सहयोगियों द्वारा आतंक के वित्तपोषण और धन शोधन के आरोपों को चुनौती देने वाली याचिकाओं के संबंध में संघीय सरकार, पंजाब सरकार और आतंक रोधी विभाग को नोटिस जारी किया . दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है. (इनपुट- एजेंसियां)
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