अभिनंदन वर्धमान (Abhinandan Varthman) थोड़ी ही देर में वतन लौटेंगे. भारतीय वायु सेना के पायलट (IAF Pilot) अभिनंदन वर्धमान की वतन वापसी को लेकर खुशी का माहौल है. पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (VK Singh) ने कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को रिहा करके पाकिस्तान कोई एहसान नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में भारत ने भी 90 हजार पाकिस्तानी युद्धबंदी सैनिकों को लौटाया था.
It must be understood that #Pakistan has not done us a favor by returning #WingCommanderAbhinandan. Under the #GenevaConvention, a serving soldier captured during conflict has to be returned.
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 1, 2019
We must not forget that after 1971, we released over 90,000 PoW from Pakistan.
उन्होंने ट्वीट किया, 'विंग कमांडर अभिनंदन को वापस लौटाकर पाकिस्तान ने कोई एहसान नहीं किया है. जेनेवा संधि के तहत युद्ध के दौरान बंदी किसी भी जवान को उसके देश को सौंपना होता है. हमें 1971 को नहीं भूलना चाहिए, जहां हमने 90 हजार युद्धबंदियों को पाकिस्तान को वापस लौटाया था.'
Returning #WingCommanderAbhinandan is a welcome move, however, it is the first of many steps that #Pakistan must take to reinforce their commitment to peace. We need an affirmative & verifiable action by Pakistan against terrorism.
— Vijay Kumar Singh (@Gen_VKSingh) March 1, 2019
इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट किया था, विंग कमांडर अभिनंदन को लौटना एक स्वागत योग्य कदम है.
Geneva Convention: क्या है जेनेवा संधि?
जेनेवा संधि के अनुसार युद्धबंदियों (POW) के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए. उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए. साथ ही सैनिकों को कानूनी सुविधा भी मुहैया करानी होगी. जेनेवा संधि के तहत युद्धबंदियों को डराया-धमकाया नहीं जा सकता. इसके अलावा उन्हें अपमानित नहीं किया जा सकता. इस संधि के मुताबिक युद्धबंदियों (POW) पर मुकदमा चलाया जा सकता है. इसके अलावा युद्ध के बाद युद्धबंदियों को वापस लैटाना होता है. कोई भी देश युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा नहीं कर सकता. युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है.
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जेनेवा संधि से जुड़ी मुख्य बातें (Geneva Convention Rules)
- इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है.
- संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है.
- इस संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता.
- किसी देश का सैनिक जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है. (फिर चाहे वह स्त्री हो या पुरुष)
-संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता.
- युद्धबंदी की जाति, धर्म, जन्म आदि बातों के बारे में नहीं पूछा जाता.
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