
पाकिस्तान अब भारत में आतंकवाद के साथ कट्टरवाद को भी बढ़ावा दे रहा है (प्रतीकात्म्क चित्र)
- 2016 कश्मीर में 322 आतंकी वारदातों में 82 सुरक्षाकर्मी मारे गए
- 2015 में 208 आतंकी वारदातों में 39 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे
- पाकिस्तान का सारा ध्यान कट्टरवाद को बढ़ावा देने पर है
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्ली:
गृह मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान ने घाटी में गड़बड़ी फैलने की अपनी रणनीति बदल ली है. अब वह सीधे-सीधे आतंकवादी वारदातों को अंजाम नहीं दे रहा है बल्कि उसका सारा ध्यान अब यहां नागरिक प्रतिरोध के ज़रिए कट्टरवाद को बढ़ावा देने पर है.
अपनी एक रिपोर्ट में मंत्रालय ने साफ़ लिखा है कि कश्मीर घाटी में आतंकवादी घटनाओं के लिए पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ ज़िम्मेदार है. अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा, दोनों जगह से पाकिस्तान लगातार आतंकी भारत भेज रहा है. मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2016 में पाकिस्तान ने अपने हथकंडे बदले हैं अब वह न सिर्फ़ आतंकी भेज रहा है बल्कि कट्टरवाद को भी बढ़ावा दे रहा है और उसकी मदद कर रहे हैं वहां सक्रिय कुछ संगठन और सोशल मीडिया.
मंत्रालय के मुताबिक़ 2016 में 2015 के मुक़ाबले ना सिर्फ़ घाटी में आतंकी हमले बढ़े बल्कि सुरक्षाकर्मी भी ज़्यादा मारे गए. घाटी में आतंकी वारदातों में 54.81 फ़ीसदी बढ़ोतरी हुई है और 110.25 फ़ीसदी ज़्यादा सुरक्षाकर्मी मारे गए. मंत्रालय के आकड़ों के मुताबिक, 2016 जम्मू-कश्मीर में 322 आतंकी वारदातें हुईं जिसमें 82 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. सुरक्षाकर्मियों के अलावा 150 आतंकवादी और 15 आम नागरिक मारे गए.
इसके मुक़ाबले 2015 जम्मू-कश्मीर में 208 आतंकी वारदातें हुईं जिसमें 39 सुरक्षाकर्मी, 108 आतंकी और 17 आम नागरिक मारे गए. घुसपैठ में भी चार गुना इजाफा हुआ है. 2016 में घुसपैठ के 364 मामले सामने आए जिसमें 112 आतंकी भारत दाख़िल होने में कामयाब रहे. जबकि 2015 में घुसपैठ के 121 मामले सामने आए थे और सिर्फ़ 33 आतंकी भारत की सरहद पार करने में कामयाब हुए थे.
अपनी एक रिपोर्ट में मंत्रालय ने साफ़ लिखा है कि कश्मीर घाटी में आतंकवादी घटनाओं के लिए पाकिस्तान की ओर से हो रही घुसपैठ ज़िम्मेदार है. अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा, दोनों जगह से पाकिस्तान लगातार आतंकी भारत भेज रहा है. मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2016 में पाकिस्तान ने अपने हथकंडे बदले हैं अब वह न सिर्फ़ आतंकी भेज रहा है बल्कि कट्टरवाद को भी बढ़ावा दे रहा है और उसकी मदद कर रहे हैं वहां सक्रिय कुछ संगठन और सोशल मीडिया.
मंत्रालय के मुताबिक़ 2016 में 2015 के मुक़ाबले ना सिर्फ़ घाटी में आतंकी हमले बढ़े बल्कि सुरक्षाकर्मी भी ज़्यादा मारे गए. घाटी में आतंकी वारदातों में 54.81 फ़ीसदी बढ़ोतरी हुई है और 110.25 फ़ीसदी ज़्यादा सुरक्षाकर्मी मारे गए. मंत्रालय के आकड़ों के मुताबिक, 2016 जम्मू-कश्मीर में 322 आतंकी वारदातें हुईं जिसमें 82 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. सुरक्षाकर्मियों के अलावा 150 आतंकवादी और 15 आम नागरिक मारे गए.
इसके मुक़ाबले 2015 जम्मू-कश्मीर में 208 आतंकी वारदातें हुईं जिसमें 39 सुरक्षाकर्मी, 108 आतंकी और 17 आम नागरिक मारे गए. घुसपैठ में भी चार गुना इजाफा हुआ है. 2016 में घुसपैठ के 364 मामले सामने आए जिसमें 112 आतंकी भारत दाख़िल होने में कामयाब रहे. जबकि 2015 में घुसपैठ के 121 मामले सामने आए थे और सिर्फ़ 33 आतंकी भारत की सरहद पार करने में कामयाब हुए थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं