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This Article is From May 03, 2013

पाक ने घायल कैदी को 'मानवीय आधार' पर स्वदेश भेजे जाने की मांग की

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पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहने के चलते उम्रकैद की सजा काट रहा था। उस पर कथित तौर पर एक अन्य कैदी ने हथौड़े से हमला किया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने घटना की जांच के आदेश देते हुए जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया है।
जम्मू: पाकिस्तान ने भारत से आग्रह किया है कि जम्मू की जेल में हमले के बाद जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे पाकिस्तानी कैदी सनाउल्लाह को स्वदेश भेजे जाने की इजाजत दे। नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के एक बयान में कहा गया कि मानवीय आधार पर कैदी को रिहा किया जाए और भारत को उसे एयर एंबुलेंस के जरिये पाकिस्तान भेजने में मदद करनी चाहिए। 54-वर्षीय सनाउल्लाह को एयर एंबुलेंस के जरिये जम्मू के अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए दोपहर में चंडीगढ़ लाया गया।

सनाउल्लाह पर कोट भलवल जेल में एक अन्य कैदी ने ईंटों से हमला किया। यह कैदी पूर्व सैनिक है और हत्या का दोषी है। यह वारदात उस वक्त हुई, जब कैदी बाग में काम कर रहे थे। सनाउल्लाह को जम्मू के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसी) में भर्ती कराया गया था, जहां से उसे चंडीगढ़ शिफ्ट किया गया। जम्मू-कश्मीर सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और साथ ही जेल अधीक्षक रजनी सहगल को निलंबित कर दिया गया है।

सनाउल्लाह जम्मू की कोट भलवल जेल में पिछले 17 साल से बंद है। वह आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के दोष में उम्रकैद की सजा काट रहा है। फिलहाल यह साफ नहीं हो सका है कि क्या यह हमला लाहौर की जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर हुए हमले को लेकर बदले की भावना से किया गया।

जम्मू जेल में पाकिस्तानी कैदी के घायल होने की घटना को 'अफसोसजनक' बताते हुए भारत ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषी को सजा दी जाएगी। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा है कि घायल का इलाज किया जा रहा है और एक बार चिकित्सा इंतजामात होने के बाद दूतावासीय संपर्क उपलब्ध कराया जाएगा। मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी जेल में दो भारतीय कैदियों की मौत तथा जम्मू की जेल में आज एक पाकिस्तानी कैदी के घायल होने के मामले सहित ऐसी त्रासद घटनाओं के मद्देनजर इस समय एक-दूसरे की जेलों में बंद भारतीय और पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा तथा उनके साथ मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा उपायों की समीक्षा की जरूरत है।

इस घटना को पाकिस्तान के उच्चायोग ने विदेश मंत्रालय के सामने उठाया था और उसने अपने राजनयिकों को उक्त कैदी से मिलने देने की इजाजत मांगी। इसके साथ ही पाक उच्चायोग ने भारतीय जेलों में बंद बाकी पाकिस्तानी कैदियों की सुरक्षा कड़ी करने की भी मांग की है।

उल्लेखनीय है कि कुछ ही दिन पहले लाहौर की कोट लखपत जेल में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह पर कैदियों के एक समूह ने बर्बर हमला किया था, जिसके बाद बुधवार रात उनकी मौत हो गई थी।

गुरुवार को ही गृहमंत्रालय ने सभी राज्यों को भारतीय जेलों में बंद लगभग 200 पाकिस्तानी कैदियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाए जाने का निर्देश दिया था। उधर, पाकिस्तानी जेलों में भी लगभग 270 भारतीय कैदी सज़ा काट रहे हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय मछुआरे हैं।

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