जम्मू कश्मीर में पकड़ा गया पाकिस्तान का 'जासूसी' कबूतर, उस पर लगे टैग और पिंक पैच से हुआ शक

सीमा पार से जासूसी करने का संदेह, पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड में उसकी पहचान "पाक संदिग्ध जासूस" के रूप में दर्ज की गई

जम्मू कश्मीर में पकड़ा गया पाकिस्तान का 'जासूसी' कबूतर, उस पर लगे टैग और पिंक पैच से हुआ शक

सीमा पार से जासूसी करने का संदेह में कबूतर को 'ह‍िरासत' में लिया गया है

नई दिल्ली:

जासूसों का पीछा करना और उन्हें गिरफ्तार करना जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए कोई नई बात नहीं है. लेकिन हीरा नगर पुलिस स्टेशन में तब हलचल मच गई जब सीमा सुरक्षा बल एक नया जासूस वहां लेकर पहुंचा. इस जासूस के पंख हैं! पुलिस ने आनन फानन में एक नया लॉकअप, यानी पिंजरा तैयार कराया जिसमें इस नए जासूस को 'हिरासत' में रख लिया गया.

स्थानीय पुलिस को ताजा गिरफ्तार आरोपी को सुरक्षित रखने के लिए जमीन के ऊपर पिंजरे में लटकाने के लिए विशेष व्यवस्था करनी पड़ी. यह जासूस कोई इंसान नहीं बल्कि कबूतर है. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसे 'हिरासत' में ले लिया है. उस पर सीमा पार से जासूसी करने का संदेह है. पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड में उसकी पहचान "पाक संदिग्ध जासूस" के रूप में दर्ज की गई है. जांच शुरू की गई है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि ''पुलिस स्टेशन की लॉग बुक के मुताबिक रविवार की शाम करीब 7 बजे केस डायरी में पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार एक कबूतर आईबी के पास चड़वाल इलाके में एक महिला गीता देवी के घर पहुंचा. कबूतर को उसने पकड़ लिया. उसने देखा कि कबूतर के एक पैर में एक अंगूठी है. अंगूठी पर एक फोन नंबर लिखा था. इस पर उसने कबूतर को चड़वाल गांव के सरपंच मनारी को सौंप दिया.''

अधिकारी के अनुसार सरपंच ने कबूतर को बीएसएफ को सौंप दिया, जिसने उस पक्षी को हीरा नगर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया. पुलिस को शक है कि यह कबूतर एक जासूस है और फोन नंबर सीमा पार से भेजा जा रहा एक संदेश था. रिंग में लिखे नंबर को अब ट्रैक किया जा रहा है.

हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यह इस क्षेत्र के लिए कोई नई बात नहीं है क्योंकि पहले भी ऐसे पक्षियों को पाकिस्तान द्वारा दूत के रूप में भेजा गया था और उन्हें भी रोक दिया गया था. क्षेत्र के एक अधिकारी ने कहा कि “यह एक संवेदनशील क्षेत्र है क्योंकि यह अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास है. इस मार्ग पर घुसपैठ भी काफी आम है.” उनके अनुसार पक्षियों का उपयोग सीमा पार के लोगों द्वारा संदेश भेजने के लिए किया जाता है. वे कहते हैं कि "पक्षियों पर आम तौर पर संदेह नहीं होता है क्योंकि वे अपना काम बिना अलार्म के भी करते हैं."

VIDEO : आतंक के खिलाफ अभियान में कई घर तबाह

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com