कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण मिलने पर कांग्रेस के 'G-23' या 23 "विद्रोहियों" के समूह और गांधी परिवार के समर्थकों की तकरार खुलकर सामने आ गई है, जिससे पार्टी में दरार साफ दिख रही है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने देश के तीसरे सर्वोच्च सम्मान मिलने पर गुलाम नबी आजाद को बधाई दी है. शर्मा ने ट्वीट किया, 'गुलाम नबी जी को जन सेवा और संसदीय लोकतंत्र में उनके आजीवन समृद्ध योगदान के लिए योग्य सम्मान के लिए हार्दिक बधाई.'
Heartiest congratulations to Ghulam Nabi ji for well deserved recognition of his lifelong enriching contribution to public service and Parliamentary democracy. @ghulamnazad
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) January 26, 2022
उनके सहयोगी कपिल सिब्बल और ज्यादा मुखर दिखे. सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. बधाई हो भाईजान. यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है.'
Heartiest congratulations to Ghulam Nabi ji for well deserved recognition of his lifelong enriching contribution to public service and Parliamentary democracy. @ghulamnazad
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) January 26, 2022
कांग्रेस के एक अन्य नेता राज बब्बर ने एक शानदार पोस्ट में कहा है, 'बधाई हो गुलाम नबी आजाद साहब! आप एक बड़े भाई की तरह हैं और आपका त्रुटिहीन सार्वजनिक जीवन और गांधीवादी आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा एक प्रेरणा रही है. #PadmaBhushan राष्ट्र के लिए आपकी 5 दशकों की सेवा की एक आदर्श पहचान है.'
Congratulations @ghulamnazad Sahab !
— Raj Babbar (@RajBabbar23) January 25, 2022
You're like an elder brother and your impeccable public life & commitment to Gandhian ideals have always been an inspiration. The #PadmaBhushan is an ideal recognition of 5 decades of your meticulous service to the nation.
कांग्रेस नेतृत्व ने इस घोषणा पर औपचारिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन पद्म पुरस्कार विजेताओं की सूची सामने आने के कुछ ही समय बाद, जयराम रमेश ने अपने सहयोगी पर "गुलाम, आज़ाद नहीं" वाक्य का इस्तेमाल करते हुए निशाना साधा. जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण कबूल करने से मना करने का उल्लेख करते हुए यह बात कही. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'यह सही है. वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहते हैं.'
Right thing to do. He wants to be Azad not Ghulam. https://t.co/iMWF00S9Ib
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2022
उन्होंने पूर्व नौकरशाह पीएन हाक्सर के पुरस्कार से इनकार करने के बारे में एक किताब से एक अंश भी साझा किया. उन्होंने इसके साथ लिखा है, 'जनवरी 1973 में, हमारे देश के सबसे शक्तिशाली नौकरशाह को बताया गया था कि उन्हें पीएमओ (प्रधान मंत्री कार्यालय) छोड़ने पर पद्म विभूषण दिया जा रहा है. पीएन हाक्सर की प्रतिक्रिया ये थी. यह क्लासिक और अनुकरण के योग्य है.'
In Jan 1973, the most powerful civil servant of our country was told he was being offered the Padma Vibhushan on his leaving the PMO. Here is PN Haksar's response to it. It is a classic, and worthy of emulation. pic.twitter.com/H1JVTvTyxe
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 25, 2022
गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सभी कांग्रेस "जी -23" का हिस्सा हैं, जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में आमूल-चूल परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी में दरार देखने को मिली.
पद्म पुरस्कार विवाद उस दिन सामने आया जब कांग्रेस पार्टी छोड़कर एक और बड़े नेता आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल हो गए. मनमोहन सिंह सरकार में पूर्व मंत्री रहे आरपीएन सिंह ने यह कहते हुए कांग्रेस छोड़ दी कि पार्टी "अब पहले जैसी नहीं रही". इनसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं