कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 42 करोड़ से अधिक गरीबों को 68,820 करोड़ रुपये दिए जाने की पृष्ठभूमि में बुधवार को सवाल किया कि यह ‘‘राहत थी या दिखावा?'' उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ प्रत्येक लाभार्थी को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत कितना मिला? क्या यह वास्तव में 'राहत' थी या सिर्फ दिखावा था?'' पूर्व वित्त मंत्री ने दावा किया, ‘‘ 2.81 करोड़ लोगों को 2,814 करोड़ रुपये या प्रति व्यक्ति 1000 रुपये मिले. क्या यह पर्याप्त है?
जनधन खाता रखने वाली महिलाओं (20.6 करोड़) को तीन महीने में 30,925 करोड़ रुपये या प्रति महिला 1500 रुपये मिलें हैं. क्या एक गृहिणी 500 रुपये महीने में एक परिवार चला सकती है?'' उन्होंने कहा, ‘‘प्रवासी कामगारों को (2.66 करोड़) को दो महीने में 2.67 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न मिला. यानी पांच किलो प्रति माह. क्या इससे एक प्रवासी और उसका परिवार गुजर कर सकता था?'' कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया, ‘‘ ये आंकड़े साबित करते हैं कि दिया गया धन अत्यंत सीमित और पूरी तरह से अपर्याप्त था.
निश्चित रूप से यह पैसा मांग को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए एक 'प्रोत्साहन' के रूप में काम नहीं कर सका.'' गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोविड- 19 संकट से गरीबों और वंचितों की सुरक्षा के लिये शुरू की गई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत 42 करोड़ से अधिक गरीबों को 68,820 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 26 मार्च को 1.70 लाख करोड़ रुपये की पीएमजीकेवाई योजना के हिस्से के तौर पर मुफ्त अनाज और महिलाओं, गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद सहायता देने की घोषणा की थी.
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