कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने बुधवार को राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को असंवैधानिक करार देते हुए कहा कि इस बिल को संसद में पास होने पर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पूरा यकीन है कि वहां इसे खारिज कर दिया जाएगा. चिदंबरम ने कहा, "मैं सरकार से कानूनी विभाग की राय लेने की चुनौती देता हूं. मैं सरकार से अटॉर्नी जनरल को सवालों के जवाब देने के लिए आमंत्रित करने की चुनौती देता हूं. संविधान का एक हिस्सा इन घातक लोगों द्वारा लूटा जा रहा है और ध्वस्त किया जा रहा है."
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राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य ने कहा कि भारत के पास नागरिकता अधिनियम है. यह जन्म से नागरिकता, वंश द्वारा नागरिकता, पंजीकरण द्वारा नागरिकता, प्राकृतिकीकरण द्वारा नागरिकता और क्षेत्र के समावेश द्वारा नागरिकता को मान्यता देता है और ये सार्वभौमिक सिद्धांत हैं. उन्होंने कहा कि अब यह सरकार एक नई श्रेणी की शुरूआत कर रही है. उन्होंने कहा कि मैं इस संसद से सरकार का विरोध करने के लिए कह रहा हूं, क्योंकि यह असंवैधानिक कदम है.
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चिदंबरम ने कहा कि सांसद जनता के चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं और उनकी यह जिम्मेदारी है कि उन्हें उसी विधेयक को पारित करना चाहिए, जो संवैधानिक हो. कांग्रेस नेता ने कहा कि हम सभी वकील नहीं हैं, मगर वास्तव में हम सभी को वकील होना चाहिए, ताकि हमारे अंदर वह ज्ञान और संवाद हो, ताकि हम देख सकें कि क्या संवैधानिक है और क्या नहीं.
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