पी चिदंबरम की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने मोदी सरकार और उनकी नीतियों की खुल कर आलोचना की. उन्होंने मोदी सरकार पर आर्थिक स्थिति को स्वीकार न करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने इस सरकार को भयानक रोगी बताया. जबकि पूर्व वित्त मंत्री ने मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन को अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा डॉक्टर बताया. उन्होंने कहा कि सुब्रमण्यन की सलाह पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है.
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उन्होंने इस बाबत ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि अक्तूबर 2014 में सीईए नियुक्त किए जाने के बाद से अरविंद सुब्रमण्यन एक अच्छे डॉक्टर रहे हैं. चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार उन्हें डॉक्टर मानने से इनकार किए जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति और कृषि संकट को भी अस्वीकार कर रही है. इतना ही नहीं सरकार देश में फैल रही बेरोजगारी को भी अस्वीकार कर रही है.
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चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष की दलीलों को भी मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने अपने एक बाद के एक ट्वीट में कहा कि सरकार को चाहिए कि वह बजट सुधारों का खाका खींचने और एक कार्यक्रम तय करे. लेकिन सरकार यह न करके इनहैंस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस जैसे कार्यक्रम पर फोकस कर रही है.
VIDEO: बजट में क्या सरकार ने दिया गरीबों पर ध्यान?
कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में चार ‘आर’ पर जोर दिया गया है - (रिकोगनिशन, रिजोल्युशन, रीकैपिटलाइजेशन और रिफार्म ). उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक शुरू के तीन आर को तो शुरू किया है लेकिन बैंकिंग रिफार्म के प्रति अभी भी सरकार सुस्त बनी हुई है.
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उन्होंने इस बाबत ट्वीट किया जिसमें उन्होंने लिखा कि अक्तूबर 2014 में सीईए नियुक्त किए जाने के बाद से अरविंद सुब्रमण्यन एक अच्छे डॉक्टर रहे हैं. चिदंबरम ने आरोप लगाया कि सरकार लगातार उन्हें डॉक्टर मानने से इनकार किए जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की स्थिति और कृषि संकट को भी अस्वीकार कर रही है. इतना ही नहीं सरकार देश में फैल रही बेरोजगारी को भी अस्वीकार कर रही है.
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चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह विपक्ष की दलीलों को भी मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने अपने एक बाद के एक ट्वीट में कहा कि सरकार को चाहिए कि वह बजट सुधारों का खाका खींचने और एक कार्यक्रम तय करे. लेकिन सरकार यह न करके इनहैंस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस जैसे कार्यक्रम पर फोकस कर रही है.
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कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण में चार ‘आर’ पर जोर दिया गया है - (रिकोगनिशन, रिजोल्युशन, रीकैपिटलाइजेशन और रिफार्म ). उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक शुरू के तीन आर को तो शुरू किया है लेकिन बैंकिंग रिफार्म के प्रति अभी भी सरकार सुस्त बनी हुई है.
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