कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राज्यों को मेडिकल ऑक्सीजन (medical oxygen) की आपूर्ति का काम तेज हो गया है. विभिन्न राज्यों के लिए शनिवार को रिकॉर्ड 718 टन मेडिकल ऑक्सीजन लेकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस रवाना हुई हैं. यह अब तक किसी भी दिन ट्रेनों के जरिये पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन की सबसे बड़ी खेप है. इसमें में करीब 31 फीसदी यानी 222 मीट्रिक टन ऑक्सीजन अकेले यूपी (Uttar Pradesh) पहुंचने वाली है. जबकि हरियाणा (Haryana) को 180 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से एक बयान में कहा गया है कि कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए आवश्यक मेडिकल ऑक्सीजन 41 विशालकाय टैंकरों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस (Oxygen Express) के जरिये विभिन्न राज्यों की ओर रवाना की गई है, जो जल्द ही गंतव्य तक पहुंचेगी.
कोरोना के रोजाना 4 लाख से ज्यादा रिकॉर्ड मामलों के बीच दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत विभिन्न राज्यों में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है. दिल्ली सरकार का कहना है कि उसे अभी भी उसके कोटे की पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऑक्सीजन की उपलब्धता और इसके वितरण को लेकर सिफारिशें देने के लिए नेशनल कोविड टॉस्क फोर्स का गठन किया है. यह कार्यबल छह माह में अपनी रिपोर्ट देने वाला है.
वहीं दिल्ली में ऑक्सीजन की किल्लत को लेकर शनिवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया प्रेस कॉन्फ्रेंस नकी थी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 700 MT ऑक्सीजन की ज़रूरत थी. लेकिन आगे के लिए 976 MT ऑक्सीजन की ज़रूरत होगी. उन्होंने कहा कि 5 मई को पहली बार 730 MT और 6 मई को 577 MT, 7 मई को 487 MT ऑक्सीजन मिला है. इतने कम ऑक्सीजन पर अस्पताल में सप्लाई मैनेज करना मुश्किल है. केंद्र सरकार से 700 MT भी नहीं मिलना मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ जैसा है. केंद्र सरकार से अपील है कि 730 MT ऑक्सीजन दिलवाने की मदद करें.
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