ऑक्सीजन विवाद: 'झूठी है केंद्र सरकार! दर्ज होना चाहिए मुकदमा', मंत्री के बयान पर भड़के संजय राउत

लिखित जवाब में नव नियुक्त केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार ने कहा, "स्वास्थ्य राज्य का विषय है. मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं.  राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है."

ऑक्सीजन विवाद: 'झूठी है केंद्र सरकार! दर्ज होना चाहिए मुकदमा', मंत्री के बयान पर भड़के संजय राउत

शिव सेना नेता संजय राउत ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री के बयान पर गुस्सा जाहिर किया है. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार (Dr Bharti Praveen Kumar) द्वारा 'ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं' का लिखित बयान देने के बाद सियासी हलचल तेज है. शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने इस बयान पर गहरी नाराजगी जताई है और कहा है कि ऐसे झूठे बयान देने पर सरकार के खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए. 

समाचार एजेंसी ANI से बातचीत में राउत ने कहा, "मैं अवाक हूं. ऑक्सीजन की कमी से अपनों को खोने वाले इस बयान को सुनकर उनके परिवारों पर क्या बीत रही होगी? सरकार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए. सरकार झूठ बोल रही है."

बता दें कि कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने मंगलवार को संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में सवाल पूछा था कि क्या कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बहुत सारे कोविड मरीज़ों ने ऑक्सीजन की कमी की वजह से दम तोड़ दिए? इसके लिखित जवाब में नव नियुक्त केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण कुमार ने कहा, "स्वास्थ्य राज्य का विषय है. मौत की रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय को रेगुलर बेसिस पर मुहैया कराते हैं.  राज्यों-केंद्रशासित प्रदेशों की रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई है."

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केंद्रीय मंत्री के इस जवाब से विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने सरकार के जवाब की तीखी आलोचना की है और कहा कि सरकार अंधी और असंवेदनशील है. कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने राज्यमंत्री की गलतबयानी के लिए उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. बता दें कि कोरोना माहामारी की दूसरी लहर के दौरान देशभर के अस्पतालों में बेड, दवाई और ऑक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी, जिसकी वजह से सैकड़ों मरीजों की मौत हो गई.