नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के एक आदेश के मुताबिक दिल्ली की सड़कों से 29 लाख से ज्यादा वाहनों को हटना होगा।
एनजीटी ने 26 नवंबर को दिए अपने आदेश में कहा था कि 15 साल से पुराने वाहनों के दिल्ली में चलने पर पाबंदी लगाई जाए। इनमें निजी कारें, मोटरसाइकिलें, व्यवसायिक वाहन, बस और ट्रक सभी शामिल हैं। एनजीटी की चिंता है कि इनसे दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, एनजीटी के आदेश के बाद हमने अध्ययन में पाया कि 15 साल से पुराने वाहनों की संख्या लगभग 29 लाख है, जिनमें 8 लाख से ज्यादा चार पहिया (कारों को मिलाकर) वाहन और 20 लाख से ज्यादा दोपहिया (स्कूटर और मोटरसाइकिल) वाहन शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि एनजीटी ने इस मसले पर 2 दिसंबर को एक बैठक बुलाई है। इस बैठक में वाहनों की संख्या को एनजीटी के समक्ष रखा जाएगा। इस दौरान एनजीटी के आदेश को लागू करने के तौर तरीकों पर भी विचार किया जाएगा।
सरकार के अनुसार कुछ वाहन ऐसे भी हैं, जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं और उन्हें पांच साल का फिटनेस विस्तार दिया गया है। बैठक में इस मसले पर भी विचार किया जाएगा कि क्या ऐसे वाहन भी इस फैसले की जद में आएंगे।
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