मुंबई:
देश के 19 द्वितीय श्रेणी के शहरों के रेलवे स्टेशनों पर 15 लाख से भी ज्यादा लोग हाई स्पीड वाईफाई इंटरनेट सेवा का लाभ उठा रहे हैं। यह जानकारी पिछले हफ्ते ही अग्रणी तकनीकी कंपनी गूगल ने दी। कंपनी ने हाल ही में इस प्रकार की सेवा सियालदह, लखनऊ जंक्शन, लखनऊ और गोरखपुर जंक्शन के स्टेशनों में शुरू की है।
इसे मिलाकर देश में अब कुल 19 ऐसे शहर हो गए हैं, यहां यह सुविधा मिल रही है। गूगल ने अपने ब्लॉगपोस्ट में यह जानकारी देते हुए बताया कि ये शहर उनकी इस साल की योजना के महज बीस प्रतिशत हैं।
सस्ती-सुलभ ब्रॉडबैंड सुविधा मुहैया कराना चुनौती
"देश का बड़ा तबका अब भी इंटरनेट के नाम पर नैरोबैंड नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है जिससे इंटरनेट की बुनियादी गतिविधियां बहुत कम रही हैं।" गूगल के अनुसार, सस्ता और सुलभ ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा मुहैया कराना देश में अभी भी एक चुनौती है। गूगल ने सेंट्रल मुंबई में यह सेवा शुरू करने के एक हफ्ते के भीतर एक लाख लोग इससे जुड़े थे। अन्य स्टेशनों से जुड़ने के बाद से तो ये आंकड़ा और भी तेजी से बढ़ रहा है।
द्वितीय श्रेणी के शहरों में ज्यादा हो रही डेटा खपत
यह भी देखा गया है कि द्वितीय श्रेणी के शहरों में डेटा खपत बहुत बढ़ गई है जहां हाई स्पीड ब्रॉडबैंड मुहैया कराना अब भी चुनौती है। गूगल के मुताबिक, इन शहरों में प्रतिव्यक्ति डेटा खपत प्रथम श्रेणी के शहरों की डेटा खपत से कहीं ज्यादा है। हालांकि उपभोक्ता स्टेशनों से केवल गुजरते ही हैं, इसके बावजूद नेटवर्क की प्रति व्यक्ति औसत खपत उनके दिनभर के 3जी पैक की खपत से 15 गुना ज्यादा है जबकि आजकल भारत में 3जी इंटरनेट उपयोग करने का सबसे बड़ा माध्यम है।
आज इंटरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग सूचना और मनोरंजन की विधा पर ही केंद्रित है जबकि दूसरी श्रेणी के शहरों में इंटरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग नौकरी ढूंढने और उनमें एप्लाय करने में ही किया जा रहा है।
इसे मिलाकर देश में अब कुल 19 ऐसे शहर हो गए हैं, यहां यह सुविधा मिल रही है। गूगल ने अपने ब्लॉगपोस्ट में यह जानकारी देते हुए बताया कि ये शहर उनकी इस साल की योजना के महज बीस प्रतिशत हैं।
सस्ती-सुलभ ब्रॉडबैंड सुविधा मुहैया कराना चुनौती
"देश का बड़ा तबका अब भी इंटरनेट के नाम पर नैरोबैंड नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहा है जिससे इंटरनेट की बुनियादी गतिविधियां बहुत कम रही हैं।" गूगल के अनुसार, सस्ता और सुलभ ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा मुहैया कराना देश में अभी भी एक चुनौती है।
द्वितीय श्रेणी के शहरों में ज्यादा हो रही डेटा खपत
यह भी देखा गया है कि द्वितीय श्रेणी के शहरों में डेटा खपत बहुत बढ़ गई है जहां हाई स्पीड ब्रॉडबैंड मुहैया कराना अब भी चुनौती है। गूगल के मुताबिक, इन शहरों में प्रतिव्यक्ति डेटा खपत प्रथम श्रेणी के शहरों की डेटा खपत से कहीं ज्यादा है। हालांकि उपभोक्ता स्टेशनों से केवल गुजरते ही हैं, इसके बावजूद नेटवर्क की प्रति व्यक्ति औसत खपत उनके दिनभर के 3जी पैक की खपत से 15 गुना ज्यादा है जबकि आजकल भारत में 3जी इंटरनेट उपयोग करने का सबसे बड़ा माध्यम है।
आज इंटरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग सूचना और मनोरंजन की विधा पर ही केंद्रित है जबकि दूसरी श्रेणी के शहरों में इंटरनेट का सबसे ज्यादा उपयोग नौकरी ढूंढने और उनमें एप्लाय करने में ही किया जा रहा है।
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