स्विट्जरलैंड के दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) के इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की मुलाकात हुई. इस दौरान ट्रंप ने एक बार फिर पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) पर 'मदद' की अपनी पेशकश दोहराई. इसे लेकर एक भारत ने एक बार फिर अपना रुख साफ किय और दो टूक जवाब दिया. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि कश्मीर मामले पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, 'कश्मीर मुद्दे व उसकी मध्यस्थता को लेकर हमारा स्टैंड पूरी तरह साफ है. मैं एक बार फिर दोहराता हूं कि इस मामले में किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका की जरूरत नहीं है.
MEA: If there are any bilateral issues b/w India & Pakistan that needs to be discussed, it should be done b/w the 2 countries under provisions of Shimla Agreement & Lahore Declaration. But onus is on Pak to create such conducive conditions - free from terror, hostility & violence https://t.co/z0TRVDyAp7
— ANI (@ANI) January 23, 2020
रवीश कुमार ने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान में कोई द्विपक्षीय मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता है, तो इसे शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के प्रावधानों के तहत 2 देशों के बीच किया जाना चाहिए. लेकिन इसके लिए पाकिस्तान को आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल बनाना होगा.
ट्रंप की नई पेशकश के बाद सरकारी सूत्रों ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की संभावना को किया खारिज
बता दें कि एक दिन पहले दावोस में ट्रंप से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि वह कश्मीर के हालात पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इमरान खान के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'हम कश्मीर पर भी बात कर रहे हैं कि वहां भारत और पाकिस्तान के बीच क्या हो रहा है. अगर हम इस पर कोई मदद कर सकते हैं तो जरूर करेंगे. हम इस पर बेहद करीब से नजर बनाए हुए हैं.'
इमरान खान से मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर दोहराई कश्मीर पर 'मदद' की बात
पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर को मिले विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटे जाने के बाद ट्रंप ने चौथी बार कश्मीर पर मदद का प्रस्ताव दिया है. हालांकि भारत स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है.
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