आउटलुक पत्रिका में छपे बयान पर बवाल, गृहमंत्री उलझन में

आउटलुक पत्रिका में छपे बयान पर बवाल, गृहमंत्री उलझन में

लोकसभा में राजनाथ सिंह।

नई दिल्ली:

16 नवंबर 2015 को आए आउटलुक के अंक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह के हवाले से जो बयान छपा उसे लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रिपोर्टर प्रणय शर्मा ने असहनशीलता पर अपनी कवर स्टोरी में लिखा, "मौजूदा विवाद एक उलझा हुआ मसला है। इस पर 800 साल में बने पहले हिन्दू शासक की मुहर है (मोदी की जीत पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का बयान)"। लेकिन गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोक सभा में सफाई देते हुए कहा कि 800 साल वाली बात उन्होंने कभी नहीं कही।

उधर विवाद के सामने आने के बाद आउटलुक मैगज़ीन के एक वरिष्ठ प्रतिनिधि ने NDTV से अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि वह इस पर अपनी बात जल्द रखेंगे। आउटलुक मैगज़ीन ने फिलहाल अपनी सफाई में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।

बयान नहीं दिया, तो फिर खंडन क्यों नहीं किया?
उधर विपक्ष का कहना है, राजनाथ सिंह ने इस बयान का पहले खंडन क्यों नहीं किया। विपक्षी दलों की दलील है कि इस मामले में गृह मंत्री ने जो स्पष्टीकरण दिया है वह उन्हें 16 नवंबर को मैगजीन के मार्केट में आने के तुरंत बाद देना चाहिए था। गृह मंत्री पिछले दो हफ्ते से इस मामले पर चुप क्यों रहे। सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "अब एक नया सवाल आ गया है। इतने दिन से उस प्रकाशन में यह बयान छपा हुआ है लेकिन गृह मंत्री ने उसका न खंडन किया, न विरोध किया और न उनके सामने इस मामले को उठाया। यह क्यों हुआ?"

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राजनाथ का सफाई न देने का खामियाजा
चुटकी लोकसभा में सीपीएम सांसद मोहम्मद सलीम ने भी ली। सलीम ने कहा, "कम से कम इतना तो हुआ कि उनको यह लांछन लगा। पहले वे इसी को गौरव कह रहे थे।" जाहिर है अगर राजनाथ सिंह ने आउटलुक मैगज़ीन के पिछले अंक में बयान छपने के फौरन बाद सफाई दी होती तो आज इस विवाद पर उन्हें सफाई देने की जरूरत ही नहीं पड़ती।