साझा विरासत को बचाने के लिए गठित विपक्ष की समिति में शरद यादव को संयोजक बनाया गया है.
खास बातें
- समिति में कांग्रेस और वाम दलों के कई नेता शामिल
- समिति में आनंद शर्मा, सीताराम येचुरी, रामगोपाल यादव और तारिक अनवर भी
- समग्र संस्कृति को बचाने के लिए समितियों का गठन किया जाएगा
नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने देश की ‘साझा विरासत’ को बचाने के अपने प्रयासों के तहत सोमवार को एक समिति के गठन की घोषणा की. इसमें बागी जेडीयू नेता शरद यादव को 14 पार्टियों की समिति का संयोजक बनाया गया है. समिति में कांग्रेस और वाम दलों के नेता शामिल हैं.
यादव ने एक बयान में कहा कि समिति के सदस्यों में कांग्रेस के आनंद शर्मा, माकपा के सीताराम येचुरी, सपा के रामगोपाल यादव, बसपा के वीर सिंह, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर रॉय, राकांपा के तारिक अनवर, राजद के मनोज झा और रालोद के जयंत चौधरी शामिल हैं.
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यादव ने कहा कि 17 अगस्त को हुए ‘साझा विरासत बचाओ सम्मेलन’ में यह प्रस्ताव रखा गया था कि संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप हमारी समग्र संस्कृति को बचाने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर समितियों का गठन किया जाएगा.
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यादव ने कहा, ‘‘इसलिए यह विचार किया गया कि राष्ट्रीय समिति का गठन तत्काल किया जा सकता है और राज्यों में समितियों की घोषणा बाद में की जा सकती है.’’ शरद यादव के मुताबिक यह फैसला किया गया था कि इस महीने की शुरुआत में जो सम्मेलन आयोजित किया गया था, देश के विभिन्न राज्यों में भी उनका आयोजन किया जाएगा.
VIDEO : सम्मेलन में शक्ति प्रदर्शन
समिति के अन्य सदस्यों में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बाबूलाल मरांडी, गुजरात के विधायक छोटू वसावा, जेडीएस के दानिश अली और प्रकाश अंबेडकर भी हैं.
(इनपुट भाषा से)