संजय दत्त (फाइल फोटो)
मुंबई:
आर्म्स एक्ट के दोषी संजय दत्त जेल से जल्द रिहा होंगे। संजय की सजा से रियायत में बना रोड़ा हट गया है। संजय दत्त फरलो उल्लंघन के मामले में निर्दोष पाए गए हैं।
देर से जेल वापसी में निर्दोष
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने मुंबई में संवाददाताओं को बताया कि संजय दत्त फरलो समाप्त होने के दो दिन देर से जेल पहुंचे। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इस देरी के लिए जेल प्रशासन के अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इस मामले में निर्दोष होने की वजह से संजय दत्त का बर्ताव कारावास के दौरान प्रशासन को अच्छा लगा है। इसके ऐवज में संजय की 105 दिन की सजा माफ होने जा रही है।
संजय पर मेहरबानी को लेकर विवाद
दूसरी तरफ संजय पर होती मेहरबानी से नया विवाद उभरा है। मुम्बई में 1993 में हुए बम धमाके से जुड़े आर्म्स एक्ट उल्लंघन के मामले में संजय दत्त को कुल 5 साल की सजा हुई। इसमें से बची हुई साढ़े तीन साल की सजा काटने वे अभी जेल में हैं। इसमें अब तक कभी पैरोल तो कभी फरलो का आधार लेकर कुल 162 दिन वे जेल से बाहर रहे। संजय दत्त को अब अच्छे बर्ताव के चलते बाकी बची सजा से 105 दिन की छूट मिलने जा रही है। जबकि दूसरी तरफ, युसूफ नलवाला और जैबुन्निसा जैसे आरोपियों को इतनी सहूलियतें नहीं मिलीं।
राज्य सरकार पर पक्षपात का आरोप
बम धमाके की आरोपी ज़ैबुन्निसा के वकील एजाजज नकवी ने NDTV इंडिया से कहा कि संजय दत्त को लेकर राज्य सरकार पक्षपात कर रही है। संजय दत्त को सजा से छूट नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने फरलो तोड़ा है। मामले की एक और आरोपी ज़ैबुन्निसा को 73 साल की होने और कैंसर पीड़ित होने के बावजूद तब तक फरलो नहीं मिला जब तक संजय दत्त को यह छूट नहीं मिली थी।
जेल मेन्युएल के मुताबिक छूट
इस आक्षेप के जवाब में संजय दत्त के वकील हितेश जैन आगे आए हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि संजय दत्त को वही मिला है जो कानूनन उनका हक है। जेल मेन्युअल के अनुसार ही उन्हें सजा से छूट मिली है। इसमें कोई विशेष रियायत नहीं दी गई। कानूनन अच्छे बर्ताव के लिए हर कैदी को महीने के 7 दिन छुट्टी पाने का हक जेल मैन्युअल में दिया गया है। अगर संजय दत्त फरलो उल्लंघन मामले में दोषी पाए जाते तो उन्हें मौजूदा सजा से 105 दिन की माफी नहीं मिलती।
देर से जेल वापसी में निर्दोष
महाराष्ट्र के गृह राज्यमंत्री रणजीत पाटिल ने मुंबई में संवाददाताओं को बताया कि संजय दत्त फरलो समाप्त होने के दो दिन देर से जेल पहुंचे। इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। इस देरी के लिए जेल प्रशासन के अधिकारी दोषी पाए गए हैं। इस मामले में निर्दोष होने की वजह से संजय दत्त का बर्ताव कारावास के दौरान प्रशासन को अच्छा लगा है। इसके ऐवज में संजय की 105 दिन की सजा माफ होने जा रही है।
संजय पर मेहरबानी को लेकर विवाद
दूसरी तरफ संजय पर होती मेहरबानी से नया विवाद उभरा है। मुम्बई में 1993 में हुए बम धमाके से जुड़े आर्म्स एक्ट उल्लंघन के मामले में संजय दत्त को कुल 5 साल की सजा हुई। इसमें से बची हुई साढ़े तीन साल की सजा काटने वे अभी जेल में हैं। इसमें अब तक कभी पैरोल तो कभी फरलो का आधार लेकर कुल 162 दिन वे जेल से बाहर रहे। संजय दत्त को अब अच्छे बर्ताव के चलते बाकी बची सजा से 105 दिन की छूट मिलने जा रही है। जबकि दूसरी तरफ, युसूफ नलवाला और जैबुन्निसा जैसे आरोपियों को इतनी सहूलियतें नहीं मिलीं।
राज्य सरकार पर पक्षपात का आरोप
बम धमाके की आरोपी ज़ैबुन्निसा के वकील एजाजज नकवी ने NDTV इंडिया से कहा कि संजय दत्त को लेकर राज्य सरकार पक्षपात कर रही है। संजय दत्त को सजा से छूट नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने फरलो तोड़ा है। मामले की एक और आरोपी ज़ैबुन्निसा को 73 साल की होने और कैंसर पीड़ित होने के बावजूद तब तक फरलो नहीं मिला जब तक संजय दत्त को यह छूट नहीं मिली थी।
जेल मेन्युएल के मुताबिक छूट
इस आक्षेप के जवाब में संजय दत्त के वकील हितेश जैन आगे आए हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि संजय दत्त को वही मिला है जो कानूनन उनका हक है। जेल मेन्युअल के अनुसार ही उन्हें सजा से छूट मिली है। इसमें कोई विशेष रियायत नहीं दी गई। कानूनन अच्छे बर्ताव के लिए हर कैदी को महीने के 7 दिन छुट्टी पाने का हक जेल मैन्युअल में दिया गया है। अगर संजय दत्त फरलो उल्लंघन मामले में दोषी पाए जाते तो उन्हें मौजूदा सजा से 105 दिन की माफी नहीं मिलती।
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