प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
नोटबंदी के बाद सरकार की ओर से दावा किया गया था कि डिजिटल लेने देन में भारी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार क्रेडिट और डेबिट कार्डों के जरिये लेनदेन में मात्र सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि इस दौरान कुल डिजिटल लेनदेन 23 प्रतिशत बढ़ा है. एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने संसदीय समिति को यह जानकारी दी. नोटबंदी और डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बदलाव पर संसद की वित्त पर स्थायी समिति के समक्ष कई मंत्रालयों के अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण दिया. इसमें कहा गया है कि सभी माध्यमों से डिजिटल लेनदेन नवंबर, 2016 के 2.24 करोड़ से 23 प्रतिशत बढ़कर मई, 2017 में 2.75 करोड़ हो गया. सबसे अधिक बढ़ोतरी यूपीआई से लेनदेन में हुई. यह नवंबर, 2016 के 10 लाख प्रतिदिन से बढ़कर मई, 2017 में तीन करोड़ प्रतिदिन पर पहुंच गया.
यूपीआई या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) ऐसी प्रणाली है जिसमें कई बैंक खातों को एकल मोबाइल एप्लिकेशन में जोड़ा जा सकता है. सरकारी अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार आईएमपीएस या तत्काल भुगतान सेवा के जरिये लेनदेन इस अवधि में 12 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गया. यह इलेक्ट्रानिक तरीके से धन स्थानांतरण सेवा है.
सबसे कम वृद्धि प्लास्टिक कार्डों के जरिये लेनदेन से हुई. नवंबर, 2016 के 68 लाख से यह इस साल मई तक मात्र सात प्रतिशत वृद्धि के साथ 73 लाख तक पहुंचा.
(इनपुट भाषा से...)
यूपीआई या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) ऐसी प्रणाली है जिसमें कई बैंक खातों को एकल मोबाइल एप्लिकेशन में जोड़ा जा सकता है. सरकारी अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार आईएमपीएस या तत्काल भुगतान सेवा के जरिये लेनदेन इस अवधि में 12 लाख से बढ़कर 22 लाख हो गया. यह इलेक्ट्रानिक तरीके से धन स्थानांतरण सेवा है.
सबसे कम वृद्धि प्लास्टिक कार्डों के जरिये लेनदेन से हुई. नवंबर, 2016 के 68 लाख से यह इस साल मई तक मात्र सात प्रतिशत वृद्धि के साथ 73 लाख तक पहुंचा.
(इनपुट भाषा से...)
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