प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:
रमजान महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में एकतरफा संघर्ष विराम का ऐलान कर दिया गया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि रमजान के महीने में अपनी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं होगी. लेकिन अगर कोई हमला होता है तो सुरक्षा बल अपनी या बेगुनाह नागरिकों की जान बचाने के लिए जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं.
सेना के सूत्रों का कहना है कि अब कासों यानी कि कार्डन एंड सर्च ऑपरेशन और साडो यानी कि सर्च एंड डिस्ट्राय ऑपरेशन पहले के मुकाबले कम होंगे. आतंकियों के खिलाफ पक्की सूचना मिलने पर कार्रवाई होगी.पहले की तरह सेना के जवान रोड ओपनिंग यानी रास्ता साफ़ करते रहेंगे. इतना ही नहीं जहां भी सेना का काफिला गुजरेगा वहां भी उसके जवान रोड आपनिंग करेंगे. इसके तहत रोड के चारों ओर तलाशी ली जाएगी. इलाके में सेना के जवान एरिया डोमिनेट पहले की तरह करते रहेंगे.
इससे पहले नवंबर 2000 में वाजपेयी सरकार ने भी एकतरफा सीजएपायर का ऐलान किया था जो 31 मई 2001 तक चला.
सेना के मुताबिक इकतरफा सीजफायर का फायदा आतंकियों को उतना नहीं मिलेगा.वजह है आतंकियों के टॉप लीडर का सफाया हो गया है. एक महीने में वे फिर से मजबूत नहीं हो सकते हैं. वैसे जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन ऑल आउट चल रहा है. इस साल अब तक 65 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं जबकि पिछले साल रिकॉर्ड 214 आतंकी मारे गए थे.
सेना के सूत्रों का कहना है कि अब कासों यानी कि कार्डन एंड सर्च ऑपरेशन और साडो यानी कि सर्च एंड डिस्ट्राय ऑपरेशन पहले के मुकाबले कम होंगे. आतंकियों के खिलाफ पक्की सूचना मिलने पर कार्रवाई होगी.पहले की तरह सेना के जवान रोड ओपनिंग यानी रास्ता साफ़ करते रहेंगे. इतना ही नहीं जहां भी सेना का काफिला गुजरेगा वहां भी उसके जवान रोड आपनिंग करेंगे. इसके तहत रोड के चारों ओर तलाशी ली जाएगी. इलाके में सेना के जवान एरिया डोमिनेट पहले की तरह करते रहेंगे.
इससे पहले नवंबर 2000 में वाजपेयी सरकार ने भी एकतरफा सीजएपायर का ऐलान किया था जो 31 मई 2001 तक चला.
सेना के मुताबिक इकतरफा सीजफायर का फायदा आतंकियों को उतना नहीं मिलेगा.वजह है आतंकियों के टॉप लीडर का सफाया हो गया है. एक महीने में वे फिर से मजबूत नहीं हो सकते हैं. वैसे जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का ऑपरेशन ऑल आउट चल रहा है. इस साल अब तक 65 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं जबकि पिछले साल रिकॉर्ड 214 आतंकी मारे गए थे.
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