प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
ट्रिपल तलाक को अवैधानिक और मुस्लिम महिलाओं के गौरवपूर्ण जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए पश्चिम बंगाल के हावड़ा की इशरत जहां भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई हैं. इशरत ने अपनी याचिका में कहा है कि उसके पति ने दुबई से ही फोन पर तलाक दे दिया. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 26 अगस्त तो करेगा.
अपनी याचिका में इशरत ने कोर्ट में कहा है कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके बच्चे भी हैं जो उसके पति ने जबरन अपने पास रख लिए हैं. याचिका में बच्चों को वापस दिलाने और उसे पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की गई है. इशरत ने कहा है कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है. याचिका में कहा गया है कि ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन है. मुस्लिम बुद्धिजीवी भी इसे गलत करार दे रहे है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही नैनीताल की शायरा बानो, जयपुर की आफरीन समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को नोटिस जारी कर चुका है. बोर्ड ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र से भी जवाब दाखिल करने को कहा है.
अपनी याचिका में इशरत ने कोर्ट में कहा है कि उसका निकाह 2001 में हुआ था और उसके बच्चे भी हैं जो उसके पति ने जबरन अपने पास रख लिए हैं. याचिका में बच्चों को वापस दिलाने और उसे पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की गई है. इशरत ने कहा है कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है. याचिका में कहा गया है कि ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है और मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों का हनन है. मुस्लिम बुद्धिजीवी भी इसे गलत करार दे रहे है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट पहले ही नैनीताल की शायरा बानो, जयपुर की आफरीन समेत कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड को नोटिस जारी कर चुका है. बोर्ड ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में दखल नहीं देना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र से भी जवाब दाखिल करने को कहा है.
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