चित्र के मध्य में यूपी के मंत्री राममूर्ति वर्मा (फाइल फोटो)
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश के बेलगाम मंत्री अपने सीएम अखिलेश यादव के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। एक मंत्री पर पत्रकार को जिन्दा जलवाने का इलज़ाम है तो दूसरे पर एक RTO पर हमला करने का। इतना ही नहीं, एक तीसरे पूर्व मंत्री भी हैं जिनपर टोल मांग रहे कर्मचारियों पर गोलियां चलाने का आरोप है।
शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र को जिंदा जलाने के 14 दिन बाद भी कोई गिरफ्तार नहीं हुआ तो अब उनका पूरा कुनबा धरने पर बैठ गया है। 1 जून को वह घर में पुलिस के छापे के दौरान जले थे। उन्होंने मृत्यु से पहले दिए बयान में कहा था कि पुलिस ने उन्हें पेट्रोल डाल के जलाया है। मंत्री राममूर्ति वर्मा पर उन्हें जलवाने का इलजाम है।
जगेंद्र के बेटे राहुल का कहना है कि जो लोग मेरे पिता को जला के मार सकते हैं, वो मुझे भी मार सकते हैं।
वहीं, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया पर इलजाम है कि मिर्जापुर के RTO ने जब उनकी पसंद के क्लर्क को मलाईदार कुर्सी नहीं दी तो उन्होंने RTO को पीटा और गंगा में फेंकने की धमकी दी। मिर्जापुर के RTO चुन्नी लाल कहते हैं कि मंत्री जी इसलिए भड़क गए क्योंकि उन्होंने मंत्री जी से कहा था, ''पैसा मैं नहीं दे सकता हूं और जो पैसा आपको दे सकता है उसकी पोस्टिंग करवा लें, नहीं तो मेरा ट्रांस्फर करवा दीजिए... मैं नहीं रहना चाहता मिर्जापुर में... इस बात पर मंत्री जी बिफर गए और गालियां देने लगे। इसके बाद मंत्री जी के गुर्गे अरविंद श्रीवास्तव और उसके एक साथी ने उनके साथ मारपीट की।''
उधर, यूपी की राजधानी लखनऊ से सिर्फ 52 किलोमीटर दूर बाराबंकी के एक टोल प्लाजा के कर्मचारी दहशत में हैं। कोई यहां ड्यूटी करने को तैयार नहीं है। क्योंकि यहां पर लोगों को इस बात का डर लगता है कि कब यूपी सरकार के एक पूर्व मंत्री या फिर उनके गुंडे आएंगे और उन्हें गोली मार देंगे।
बता दें कि बाराबंकी जिले के इस टोल प्लाजा पर पूर्व मंत्री इकबाल अपनी एक करोड़ की लैंड क्रूजर से पहुंचे, लेकिन 70 रुपये के टोल टैक्स मांगे जाने पर रिवॉल्वर से 330 रुपये की तीन गोलियां चला दीं। इसके बाद उनके चार साथियों पर टोल कर्मचारियों के कत्ल की कोशिश करने के इलजाम में एफआईआर हो गई और अब पूर्व मंत्री जी फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है।
शाहजहांपुर में पत्रकार जगेंद्र को जिंदा जलाने के 14 दिन बाद भी कोई गिरफ्तार नहीं हुआ तो अब उनका पूरा कुनबा धरने पर बैठ गया है। 1 जून को वह घर में पुलिस के छापे के दौरान जले थे। उन्होंने मृत्यु से पहले दिए बयान में कहा था कि पुलिस ने उन्हें पेट्रोल डाल के जलाया है। मंत्री राममूर्ति वर्मा पर उन्हें जलवाने का इलजाम है।
जगेंद्र के बेटे राहुल का कहना है कि जो लोग मेरे पिता को जला के मार सकते हैं, वो मुझे भी मार सकते हैं।
वहीं, बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री कैलाश चौरसिया पर इलजाम है कि मिर्जापुर के RTO ने जब उनकी पसंद के क्लर्क को मलाईदार कुर्सी नहीं दी तो उन्होंने RTO को पीटा और गंगा में फेंकने की धमकी दी। मिर्जापुर के RTO चुन्नी लाल कहते हैं कि मंत्री जी इसलिए भड़क गए क्योंकि उन्होंने मंत्री जी से कहा था, ''पैसा मैं नहीं दे सकता हूं और जो पैसा आपको दे सकता है उसकी पोस्टिंग करवा लें, नहीं तो मेरा ट्रांस्फर करवा दीजिए... मैं नहीं रहना चाहता मिर्जापुर में... इस बात पर मंत्री जी बिफर गए और गालियां देने लगे। इसके बाद मंत्री जी के गुर्गे अरविंद श्रीवास्तव और उसके एक साथी ने उनके साथ मारपीट की।''
उधर, यूपी की राजधानी लखनऊ से सिर्फ 52 किलोमीटर दूर बाराबंकी के एक टोल प्लाजा के कर्मचारी दहशत में हैं। कोई यहां ड्यूटी करने को तैयार नहीं है। क्योंकि यहां पर लोगों को इस बात का डर लगता है कि कब यूपी सरकार के एक पूर्व मंत्री या फिर उनके गुंडे आएंगे और उन्हें गोली मार देंगे।
बता दें कि बाराबंकी जिले के इस टोल प्लाजा पर पूर्व मंत्री इकबाल अपनी एक करोड़ की लैंड क्रूजर से पहुंचे, लेकिन 70 रुपये के टोल टैक्स मांगे जाने पर रिवॉल्वर से 330 रुपये की तीन गोलियां चला दीं। इसके बाद उनके चार साथियों पर टोल कर्मचारियों के कत्ल की कोशिश करने के इलजाम में एफआईआर हो गई और अब पूर्व मंत्री जी फरार हैं और पुलिस उन्हें पकड़ने की कोशिश कर रही है।
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