पेट्रोल की ऊंची कीमतों पर सवाल पूछ लिया तो मंत्री बोले- 'आपने फ्री टीका लिया है ना'

पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों पर मंत्री ने कहा कि पेट्रोल महंगा नहीं है, इससे महंगा तो मिनरल वाटर है.

पेट्रोल की ऊंची कीमतों पर सवाल पूछ लिया तो मंत्री बोले- 'आपने फ्री टीका लिया है ना'

मंत्री ने दिया बयान- पेट्रोल से महंगा तो पानी है

नई दिल्ली:

देश में पेट्रोल और डीजल (Petrol Price) की कीमतें आसमान छू रही हैं. दिल्ली से लेकर मुंबई तक और भोपाल से लेकर बेंगलुरु तक 1 लीटर पेट्रोल 100 रुपये के पार बिक रहा है.  इस बीच केंद्रीय राज्यमंत्री (पेट्रोलियम और नेचुरल गैस) रामेश्वर तेली का  बयान सामने आया है. उन्होंने पेट्रोल की बढ़ती कीमतों की तुलना पैकेज्ड मिनरल वाटर से की है और कहा है कि ऐसे पानी की कीमत ज्यादा होती है. उन्होंने ये भी बताया कि पेट्रोलियम उत्पादों पर लगे करों से लोगों को सरकार द्वारा मुफ्त वैक्सीन मुहैया करवाई जा रही है. उन्होंने पेट्रोल 

शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री ने कहा कि पेट्रोल की कीमत ज्यादा नहीं हैं, लेकिन टैक्स लगाया जाता है और यह भी संसाधन जुटाने का एक जरिया है. मंत्री ने कहा कि असम उन राज्यों में शामिल है जहां पेट्रोल पर सबसे कम वैट है.

उन्होंने कहा कि पेट्रोल की कीमत अधिक नहीं है, इसमें टैक्स शामिल है.  मिनरल वाटर की कीमत इससे कहीं अधिक है. पेट्रोल की कीमत 40 रुपये है. असम सरकार इस पर 28 रुपये वैट लगाती है. पेट्रोलियाम मंत्रालय 30 रुपये लगाता है तो यह 98 रुपये का हो जाता है. लेकिन अगर आप हिमालय का पानी पीते हैं तो एक बोतल की कीमत 100 रुपये है. पानी की कीमत ज्यादा है, तेल की नहीं. 

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मंत्री ने कहा कि मुफ्त वैक्सीन के लिए पैसा केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले करों से ही तो आता है. उन्होंने आगे कहा कि ईंधन की कीमतें अधिक नहीं है, लेकिन इसमें टैक्स लगाया जाता है. आपने मुफ्त टीका लिया होगा, उसके लिए पैसा कहां से आएगा? आपने टीके के लिए पैसे का भुगतान नहीं किया. इसी तरह से फ्री वैक्सीन के लिए पैसा जुटाया गया.  केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक है. यहां राज्य सरकार ने पेट्रोल पर अधिकतम वैट लगाया है. यहां तक कि अगर हम कीमत कम करते हैं तो भी वे कम नहीं करेंगे. राज्य सरकार द्वारा वैट कम किया जा सकता है. मंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष शासित सरकारें सोचती हैं कि अगर ईंधन की कीमतें अधिक रहती हैं तो इसका दोष केंद्र को दिया जाएगा.