भारत में ओमिक्रॉन के पहले मरीजों में शामिल डॉक्टर ने बताया- क्या असर दिखाता है कोरोना का ये वैरिएंट

भारत में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले दो संक्रमित व्यक्तियों में शामिल डॉक्टर ने कहा कि उन्हें दूसरी बार कोविड पॉजिटिव पाया गया है. लेकिन अब वो एकदम ठीक महसूस कर रहे हैं.

भारत में ओमिक्रॉन के पहले मरीजों में शामिल डॉक्टर ने बताया- क्या असर दिखाता है कोरोना का ये वैरिएंट

Omicron संक्रमित डॉक्टर को सात दिन के लिए निगरानी में रखा गया है.

बेंगलुरु:

Omicron India First Case : भारत में कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट के पहले दो संक्रमित व्यक्तियों में शामिल एक डॉक्टर ने बताया है कि यह वैरिएंट किस तरह शरीर पर असर डालता है. एनडीटीवी से खास बातचीत में डॉक्टर ने वैरिएंट के लक्षणों के बारे में विस्तार से बताया. डॉक्टर ने कहा कि बुखार, बदन दर्द और चक्कर आने से जैसी समस्याएं सामने आती हैं. 46 साल के डॉक्टर को बहुत तेज बुखार भी नहीं आया और उन्हें बस हल्के बुखार के साथ शरीर में मामूली दर्द महसूस हुआ. अपना नाम न बताने की शर्त पर डॉक्टर ने कहा कि उन्हें दूसरी बार कोविड पॉजिटिव पाया गया है. लेकिन अब वो एकदम ठीक महसूस कर रहे हैं.

संक्रमण के दौरान के अपने अनुभवों को साझा करते हुए डॉक्टर ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि उन्हें सांस लेने में ज्यादा किसी समस्या का सामना नहीं करना पडा. जैसा कि कोरोना के अन्य वैरिएंट के मामले में देखा गया है. उन्हें सर्दी जुकाम या ऑक्सीजन लेवल गिरने की परेशानी भी महसूस नहीं हुई. डॉक्टर ने कहा कि उन्होंने कोरोना के लक्षण मिलने के बाद खुद को आइसोलेट कर लिया था और परिवार के किसी भी अन्य सदस्य के संपर्क में नहीं आया.

अगले दिन सुबह उन्होंने टेस्ट कराया और आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद वो पॉजिटिव पाए गए.  डॉक्टर को कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की दोनों डोज लग चुकी हैं. डॉक्टर ने कहा कि वो तीन दिन घर पर रहे लेकिन उल्टी और चक्कर आने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हो गए.

 डॉक्टर को 21 नवंबर को लक्षण दिखना शुरू हुए थे और अगले दिन संक्रमण की पुष्टि हुई. डॉक्टर ने कहा,  "मेरा ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 96-97 था, लेकिन मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था, लिहाजा अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराना शुरू कर दिया. शायद वो 25 नवंबर की तारीख थी. लेकिन उसके बाद उन्हें कोई लक्षण महसूस नहीं हुआ." 

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जब वो पहली बार पॉजिटिव पाया गया तो उसके बाद जीनोम सीक्वेंसिंग के जरिये वैरिएंट या स्ट्रेन का पता लगाने की कोशिश की गई. डॉक्टर की ताजा आऱटीपीसीआर जांच भी सोमवार को फिर से पॉजिटिव आई है. डॉक्टर ने कहा, संक्रमण के बाद कोविड निगेटिव आने में करीब दो हफ्ते का वक्त लगता है. लेकिन इसमें 2-3 दिन और लग सकते हैं. उन्हें अभी सात दिनों तक और निगरानी में रखा जाएगा और निगेटिव आरटीपीसीआर टेस्ट के बाद ही अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी.