विधायकों की सैलरी बढ़ोतरी मामले में केजरीवाल की ट्विटर पर खिंचाई
नई दिल्ली:
दिल्ली में जल्द ही विधायकों की तनख्वाह बढ़ोतरी हो सकती है। इस तनख्वाह बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा फायदा दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के नेताओं (विधायकों) को ही मिलना है। क्योंकि 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के लिए इसी साल फरवरी में हुए चुनाव में AAP के 67 विधायक जीतकर आए हैं। अन्य तीन सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं।
जाहिर है इस सबसे ज्यादा फायदे में AAP विधायक ही रहेंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री केजरीवाल के तीन साल पुराने ट्वीट तनख्वाह बढ़ोतरी में मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। ये ट्वीट केजरीवाल ने उस समय नेताओं पर तंज कसते हुए किए थे।
मार्च 2012 में केजरीवाल ने एक ट्वीट किया था, 'पिछले 44 साल में राजनीतिक पार्टियां लोकपाल के मुद्दे पर आम सहमति नहीं बना पाए हैं, लेकिन जब उनकी तनख्वाह बढ़ाने की बात आती है तो वे 5 मिनट में निर्णय कर लेते हैं।' बता दें कि 2012 में केजरीवाल ने ये ट्वीट लोकपाल की मांग को लेकर सिर्फ एक समाजसेवी के रूप में किए थे।
इसके बाद साल 2012 के अंत में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) नाम से राजनीतिक संगठन खड़ा कर लिया। उन्होंने राजनीतिक दल बनाते समय भी कहा था कि वह राजनीति को बदलने के लिए आए हैं और पुराने नेताओं की तरह कुछ नहीं करेंगे। लेकिन अब उनकी अपनी पार्टी के विधायक चाहते हैं कि उनकी तनख्वाह बढ़े। यही नहीं दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गठित की गई कमेटी ने 400 फीसदी तनख्वाह बढ़ोतरी की सिफारिश भी कर दी।
अगर यह सिफारिश मान ली गई तो दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह देश के किसी भी राज्य के विधायकों से ज्यादा हो जाएगी। इसमें उन्हें विभिन्न भत्ते मिलाकर 3.2 लाख रुपये तक प्रतिमाह मिलेंगे। विधायकों का कहना है कि अपना घर और ऑफिस चलाने के लिए उन्हें फिलहाल जो सैलरी मिलती है वह नाकाफी है।
हालांकि केजरीवाल ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक विधायकों की तनख्वाह बढ़ोतरी के मामले में कुछ भी नहीं बोला है और ना ही कोई ट्वीट किया है। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने मंगलवार रात जरूर एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा था - 'किसी भा पार्टी के ईमानदार विधायक के लिए इस अल्प सैलरी में घर, ऑफिस और अपने विधानसभा क्षेत्र का संचालन करना नामुमकिन है। बेइमानों को तो तनख्वाह की भी जरूरत नहीं।'
बुधवार को केजरीवाल के घर के बाहर युवा कांग्रेस के नेताओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। बता दें कि इसी साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। बीजेपी के पास विधानसभा में तीन सदस्य हैं और यह पार्टी भी विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी का विरोध कर रही है।
बीजेपी नेता और तीन में से एक विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि AAP अब 'खास आदमी पार्टी' बन गई है।
विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी मामले में कई लोगों ने केजरीवाल की आलोचना की है...
जाहिर है इस सबसे ज्यादा फायदे में AAP विधायक ही रहेंगे, लेकिन अब मुख्यमंत्री केजरीवाल के तीन साल पुराने ट्वीट तनख्वाह बढ़ोतरी में मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। ये ट्वीट केजरीवाल ने उस समय नेताओं पर तंज कसते हुए किए थे।
मार्च 2012 में केजरीवाल ने एक ट्वीट किया था, 'पिछले 44 साल में राजनीतिक पार्टियां लोकपाल के मुद्दे पर आम सहमति नहीं बना पाए हैं, लेकिन जब उनकी तनख्वाह बढ़ाने की बात आती है तो वे 5 मिनट में निर्णय कर लेते हैं।' बता दें कि 2012 में केजरीवाल ने ये ट्वीट लोकपाल की मांग को लेकर सिर्फ एक समाजसेवी के रूप में किए थे।
इसके बाद साल 2012 के अंत में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) नाम से राजनीतिक संगठन खड़ा कर लिया। उन्होंने राजनीतिक दल बनाते समय भी कहा था कि वह राजनीति को बदलने के लिए आए हैं और पुराने नेताओं की तरह कुछ नहीं करेंगे। लेकिन अब उनकी अपनी पार्टी के विधायक चाहते हैं कि उनकी तनख्वाह बढ़े। यही नहीं दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गठित की गई कमेटी ने 400 फीसदी तनख्वाह बढ़ोतरी की सिफारिश भी कर दी।
अगर यह सिफारिश मान ली गई तो दिल्ली के विधायकों की तनख्वाह देश के किसी भी राज्य के विधायकों से ज्यादा हो जाएगी। इसमें उन्हें विभिन्न भत्ते मिलाकर 3.2 लाख रुपये तक प्रतिमाह मिलेंगे। विधायकों का कहना है कि अपना घर और ऑफिस चलाने के लिए उन्हें फिलहाल जो सैलरी मिलती है वह नाकाफी है।
हालांकि केजरीवाल ट्विटर पर काफी एक्टिव रहते हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक विधायकों की तनख्वाह बढ़ोतरी के मामले में कुछ भी नहीं बोला है और ना ही कोई ट्वीट किया है। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने मंगलवार रात जरूर एक ट्वीट किया, जिसमें लिखा था - 'किसी भा पार्टी के ईमानदार विधायक के लिए इस अल्प सैलरी में घर, ऑफिस और अपने विधानसभा क्षेत्र का संचालन करना नामुमकिन है। बेइमानों को तो तनख्वाह की भी जरूरत नहीं।'
बुधवार को केजरीवाल के घर के बाहर युवा कांग्रेस के नेताओं ने बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदर्शन किया। बता दें कि इसी साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी। बीजेपी के पास विधानसभा में तीन सदस्य हैं और यह पार्टी भी विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी का विरोध कर रही है।
बीजेपी नेता और तीन में से एक विधायक विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि AAP अब 'खास आदमी पार्टी' बन गई है।
विधायकों की तनख्वाह में बढ़ोतरी मामले में कई लोगों ने केजरीवाल की आलोचना की है...
Exactly, just like @AamAadmiParty politicians! @ArvindKejriwal https://t.co/P4eyiU2XRG
— Santosh (@BluruLad) October 7, 2015
@ArvindKejriwal ha ha ha aur sir 400% hike maza lijiye https://t.co/qtGn8HLs0A ye sab udate teer hai dekho ghus Gaya na
— Shashi K Goswami (@goswami07) October 7, 2015
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