सोशल साइट पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने की आरोपी पिठोरिया निवासी लड़की ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती को जज मनीष कुमार सिंह की अदालत से जमानत मिल गई. ऋचा को सात-सात हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने का निर्देश कोर्ट की ओर से दिया गया. इसके अलावा उसे कुरान की पांच प्रतियां दान करने का भी निर्देश जज ने दिया. पांच में से एक प्रति शिकायतकर्ता और बाकी चार प्रतियां स्कूल-कॉलेज या विश्वविद्यालय में दान करने को कहा गया है.
ऋचा को यह काम 15 दिनों के अंदर करना होगा. ऋचा के जमानतदारों में एक स्थानीय व्यक्ति और दूसरा रिश्तेदार होगा. गौरतलब है कि शिकायतकर्ता मंसूर खलीफा, सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया ने 12 जुलाई को थाने में कांड संख्या 58/2019 दर्ज कराया था. इसमें कहा गया था कि आरोपी ने सोशल साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ पोस्ट डाली है. इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
दूसरी ओर हिंदू जागरण मंच सहित कुछ अन्य धार्मिक संगठनों ने ऋचा की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए रविवार को रांची में विरोध मार्च किया था. संगठन ऋचा को रिहा करने और पिठोरिया थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे थे. मंगलवार को फिर से हिंदू संगठनों द्वारा मार्च किए जाने की बात भी सामने आई है.
ऋचा भारती को अदालत की जमानत की शर्तों पर आपत्ति है. वे हाईकोर्ट में अपील करेंगी. सोशल साइट फेसबुक पर धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार ऋचा भारती को रांची सिविल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. जेल से बाहर आने के बाद ऋचा के परिवार वालों की खुशी देखते ही बनी. ऋचा ने मंदिर में जाकर पूजा भी की लेकिन शर्त पर आपत्ति जताई.
सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत ने कुरान की पांच प्रतियां बांटने की शर्त पर ऋचा भारती को जमानत की सुविधा प्रदान की है. इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि पिठोरिया थाना प्रभारी के संरक्षण में ऋचा भारती उर्फ ऋचा पटेल को कुरान की एक प्रतिलिपि पिठोरिया अंजुमन इस्लामिया के सदर मंसूर खलीफा को देनी होगी. 15 दिनों के अंदर कुरान की चार प्रतिलिपियां रांची के विभिन्न पुस्तकालयों में जमा करने की शर्त भी रखी है.
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इस फैसले के खिलाफ ऋचा के परिवार वाले ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद ऋचा पटेल उर्फ ऋचा भारती ने मंदिर में जाकर प्रार्थना की और लोगों के बीच प्रसाद भी बांटा. ऋचा भारती ने अदालत के फैसले पर कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है लेकिन यह फैसला थोड़ा अटपटा है. उन्होंने कहा कि फेसबुक पर उन्होंने कुछ गलत पोस्ट नहीं किया है.
ऋचा ने कहा कि गीता और कुरान एक हैं लेकिन जिस तरह की शर्त रखी गई है वह थोड़ा गलत लगा. ऋचा भारती के इस फैसले पर उसके परिवार वालों ने कहा कि वे अपनी बेटी के साथ हैं. गीता-कुरान एक हैं और उनका किसी भी धर्म को आहत करने का इरादा नहीं है. ऋचा के पिता प्रकाश पटेल ने कहा कि अभी हमारी संगठन के लोगों से बात हो रही है जिस तरह से निर्णय होगा इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
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गौरतलब कि 12 जुलाई को देर शाम फेसबुक पर धर्म विशेष पर की गई टिप्पणियां लाइक करने को लेकर पिठोरिया थाने ने एक लड़की ऋचा भारती उर्फ ऋचा पटेल पर त्वरित कार्रवाई की और उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. इसके बाद पिठोरिया के ग्रामीण आक्रोशित होकर पिठोरिया थाने का घेराव करने पहुंचे थे.
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