शशिकला आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल में बंद हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
तमिलनाडु की राजनीति पर छाए संकट के बादल अभी छटते नजर नहीं आ रहे हैं. सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक में पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर मचा आपसी घमासान अब पार्टी कार्यालय के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग तक पहुंच गया है. पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम के गुट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से विरोधी गुट के. शशिकला के नेताओं को अन्नाद्रमुक के कार्यालय का इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया है.
शिकायतकर्ता गुट के वकील ने चुनाव आयोग में इस बारे में शिकायत दर्ज कराते हुए शशिकला को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बनाए जाने संबंधी दस्तावेज भी सौंपे हैं. आयोग के एक अधिकारी ने पनीरसेल्वम गुट की ओर से शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें दलील दी गई है कि अन्नाद्रमुक पर नियंत्रण को लेकर दोनों गुटों के बीच पैदा हुए विवाद का निपटारा होने तक शशिकला गुट को पार्टी के दफ्तर का इस्तेमाल करने से रोका जाना चाहिए. इसमें पार्टी के मुखपत्र ‘डा. नमादु एमजीआर’ का नियंत्रण भी शशिकला गुट के पास नहीं रहने देने की मांग की गई है.
इतना ही नहीं गुट ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में एआईएडीएमके के महासचिव पद पर किसी भी व्यक्ति के नाम के न होने का हवाला देते हुए कहा कि उसे नियुक्ति को (शशिकला की) अवैध घोषित करना चाहिए. आयोग जल्द ही इस पर फैसला लेगा, क्योंकि अयोग की वेबसाइट में महासचिव के रूप में अभी भी किसी के नाम का उल्लेख नहीं है, क्योंकि उसने शशिकला की नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया है.
आयोग ने गत 23 मार्च को चेन्नई के आरके नगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में दोनों गुटों पर पैसे देकर वोट हासिल करने की शिकायतों के मद्देनजर चुनाव स्थगित कर पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘दो पत्ती’ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी.
उधर, पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़े ने मुख्यमंत्री पलनीस्वामी वाले गुट से विलय की बाचतीत को खारिज करते हुए कहा कि जब तक शश्किला तथा उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से औपचारिक तौर पर निष्कासित नहीं किया जाता, पार्टी के दोनों धड़ों के विलय पर बातचीत संभव नहीं है. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट ने घोषणा कर दी कि उसने शशिकला तथा दिनाकरण को बाहर निकाल दिया है, उसी दिन विलय पर आराम से बातचीत होगी.
(इनपुट भाषा से भी)
शिकायतकर्ता गुट के वकील ने चुनाव आयोग में इस बारे में शिकायत दर्ज कराते हुए शशिकला को अन्नाद्रमुक का अंतरिम महासचिव बनाए जाने संबंधी दस्तावेज भी सौंपे हैं. आयोग के एक अधिकारी ने पनीरसेल्वम गुट की ओर से शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि इसमें दलील दी गई है कि अन्नाद्रमुक पर नियंत्रण को लेकर दोनों गुटों के बीच पैदा हुए विवाद का निपटारा होने तक शशिकला गुट को पार्टी के दफ्तर का इस्तेमाल करने से रोका जाना चाहिए. इसमें पार्टी के मुखपत्र ‘डा. नमादु एमजीआर’ का नियंत्रण भी शशिकला गुट के पास नहीं रहने देने की मांग की गई है.
इतना ही नहीं गुट ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट में एआईएडीएमके के महासचिव पद पर किसी भी व्यक्ति के नाम के न होने का हवाला देते हुए कहा कि उसे नियुक्ति को (शशिकला की) अवैध घोषित करना चाहिए. आयोग जल्द ही इस पर फैसला लेगा, क्योंकि अयोग की वेबसाइट में महासचिव के रूप में अभी भी किसी के नाम का उल्लेख नहीं है, क्योंकि उसने शशिकला की नियुक्ति को स्वीकार नहीं किया है.
आयोग ने गत 23 मार्च को चेन्नई के आरके नगर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में दोनों गुटों पर पैसे देकर वोट हासिल करने की शिकायतों के मद्देनजर चुनाव स्थगित कर पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘दो पत्ती’ के इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी.
उधर, पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़े ने मुख्यमंत्री पलनीस्वामी वाले गुट से विलय की बाचतीत को खारिज करते हुए कहा कि जब तक शश्किला तथा उनके परिवार के सदस्यों को पार्टी से औपचारिक तौर पर निष्कासित नहीं किया जाता, पार्टी के दोनों धड़ों के विलय पर बातचीत संभव नहीं है. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि जिस दिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले प्रतिद्वंद्वी गुट ने घोषणा कर दी कि उसने शशिकला तथा दिनाकरण को बाहर निकाल दिया है, उसी दिन विलय पर आराम से बातचीत होगी.
(इनपुट भाषा से भी)
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