नई दिल्ली:
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल विद्रोहियों के खिलाफ भविष्य में और 'संयुक्त कार्रवाई' को अंजाम देने के बारे में विचार विमर्श के लिए जल्द ही म्यांमार जाएंगे। इस जानकारी का खुलासा कथित तौर पर एक दिन पहले भारतीय सेना द्वारा पड़ोसी देश में विद्रोहियों के खिलाफ सटीक हमला किए जाने के बाद एक दिन हुआ है। हालांकि म्यांमार ने उसकी धरती पर भारतीय सेना की कार्रवाई से इनकार किया है।
उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया भारत-म्यांमार सीमा पर मंगलवार को हुए अभियान की योजना में बेहद करीब से जुड़े रहे डोवाल इस यात्रा पर जाएंगे ताकि पूर्वोत्तर के विद्रोहियों के खिलाफ भविष्य में संयुक्त कार्रवाई के लिए वहां अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जा सके। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारें और सेनाएं इस मुद्दे पर नजदीकी और निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं।
म्यांमार में भारत के राजदूत गौतम मुखोपाध्यान ने राजधानी ने पी ताओ में म्यांमार की सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभियान के बाद की स्थिति का जायजा लिया। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार के हमले के लिए भारत ने सीमा सहयोग के बारे में म्यांमार के साथ मई 2014 में हुए सीमा समझौते का सहारा लिया।
भारत और म्यांमार ने पिछले साल आठ मई को सीमा सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें सुरक्षा सहयोग का प्रारूप बनाया गया और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान का प्रावधान किया किया गया।
इस करार का एक प्रमुख प्रावधान है कि दोनों देशों के सशस्त्र बल अंतरराष्ट्रीय सीमा के अपने-अपने क्षेत्रों एवं समुद्री सीमाओं में समन्वित गश्त करेंगे।
उच्च स्तरीय सूत्रों ने बताया भारत-म्यांमार सीमा पर मंगलवार को हुए अभियान की योजना में बेहद करीब से जुड़े रहे डोवाल इस यात्रा पर जाएंगे ताकि पूर्वोत्तर के विद्रोहियों के खिलाफ भविष्य में संयुक्त कार्रवाई के लिए वहां अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया जा सके। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सरकारें और सेनाएं इस मुद्दे पर नजदीकी और निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं।
म्यांमार में भारत के राजदूत गौतम मुखोपाध्यान ने राजधानी ने पी ताओ में म्यांमार की सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अभियान के बाद की स्थिति का जायजा लिया। सूत्रों ने बताया कि मंगलवार के हमले के लिए भारत ने सीमा सहयोग के बारे में म्यांमार के साथ मई 2014 में हुए सीमा समझौते का सहारा लिया।
भारत और म्यांमार ने पिछले साल आठ मई को सीमा सहयोग के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें सुरक्षा सहयोग का प्रारूप बनाया गया और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान प्रदान का प्रावधान किया किया गया।
इस करार का एक प्रमुख प्रावधान है कि दोनों देशों के सशस्त्र बल अंतरराष्ट्रीय सीमा के अपने-अपने क्षेत्रों एवं समुद्री सीमाओं में समन्वित गश्त करेंगे।
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