प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ट्रेनों में यात्रियों को अब जल्द ही मनपसंद खाना मिलेगा और डिब्बों में बायो शौचालय एवं वैक्यूम शौचालय लगाए जाएंगे.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारने पर काम चल रहा है और ट्रेनों में समूचे खानपान की व्यवस्था देखने के लिए आईआरसीटीसी से कहा गया है जो एक नया आधुनिक ‘‘बेस किचन’’ विकसित कर रही है. यह किचन विभिन्न ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता को सुधारेगा.
मंत्री ने कहा कि खानपान संबंधी सभी व्यवस्था आईआरसीटीसी को सौंपे जाने का कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खानपान पर नजर नहीं रखी जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है कि ट्रेनों में यात्री मनपसंद खाना प्राप्त कर सकें.
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आनंद शर्मा जी को हिमाचली खाना पसंद है तो ट्रेन में सफर के दौरान वह हिमाचली खाना ले सकेंगे. यदि एंटनी जी को मलयाली भोजन पसंद है तो वह मलयाली भोजन ले सकेंगे.’’ प्रभु ने यह भी कहा कि ट्रेनों के डिब्बों में लगभग सभी शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर रेलवे द्वारा काम किया जा रहा है. ‘‘हमने चेन्नई से एक हरित कॉरिडोर की शुरुआत भी की है जिसमें पटरियों पर कोई मानव मल नहीं फेंका जाता. इससे पटरियों की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हम इसे आगे ले जाने पर काम कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि ट्रेनों में खाने की गुणवत्ता सुधारने पर काम चल रहा है और ट्रेनों में समूचे खानपान की व्यवस्था देखने के लिए आईआरसीटीसी से कहा गया है जो एक नया आधुनिक ‘‘बेस किचन’’ विकसित कर रही है. यह किचन विभिन्न ट्रेनों में खानपान की गुणवत्ता को सुधारेगा.
मंत्री ने कहा कि खानपान संबंधी सभी व्यवस्था आईआरसीटीसी को सौंपे जाने का कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि ठेकेदारों द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खानपान पर नजर नहीं रखी जा सकती. उन्होंने कहा कि ऐसी भी व्यवस्था की जा रही है कि ट्रेनों में यात्री मनपसंद खाना प्राप्त कर सकें.
मंत्री ने कहा, ‘‘यदि आनंद शर्मा जी को हिमाचली खाना पसंद है तो ट्रेन में सफर के दौरान वह हिमाचली खाना ले सकेंगे. यदि एंटनी जी को मलयाली भोजन पसंद है तो वह मलयाली भोजन ले सकेंगे.’’ प्रभु ने यह भी कहा कि ट्रेनों के डिब्बों में लगभग सभी शौचालयों को बायो-शौचालयों में तब्दील करने पर रेलवे द्वारा काम किया जा रहा है. ‘‘हमने चेन्नई से एक हरित कॉरिडोर की शुरुआत भी की है जिसमें पटरियों पर कोई मानव मल नहीं फेंका जाता. इससे पटरियों की स्थिति में सुधार होगा क्योंकि इन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. हम इसे आगे ले जाने पर काम कर रहे हैं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘रेलवे ने अपनी तरह का पहला वैक्यूम शौचालय विकसित किया है जैसा कि विमानों में इस्तेमाल होता है. ट्रेनों में जल्द वैक्यूम एवं बायो शौचालय लगाए जाने का विचार है.’’ मंत्री ने खानपान में सुधार के मुद्दे पर कहा, ‘‘हम ई कैटरिंग लाने जा रहे हैं और ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि कोई भी अपनी पसंद का खाना हासिल कर सकेगा.’’ उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे सभी डिब्बों की गुणवत्ता सुधारने की सतत प्रक्रिया में है. ‘‘हम अधिकारियों से पहले ही कह चुके हैं कि वे रेलवे की बीमार इकाइयों को दुरस्त करें.’’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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