विज्ञापन
This Article is From Feb 19, 2019

अब राज्य सरकारें भी इस तरह कस सकेंगी राष्ट्र विरोधी संगठन सिमी पर नकेल

प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार राज्य सरकारों को भी मिला

अब राज्य सरकारें भी इस तरह कस सकेंगी राष्ट्र विरोधी संगठन सिमी पर नकेल
अब राज्य सरकारों के पास सिमी की गतिविधियों को प्रतिबंधित करने का अधिकार होगा.
नई दिल्ली:

केंद्र ने राज्य सरकारों कों प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) द्वारा अपनी गतिविधियों के लिए उपयोग किए जाने वाले धन और स्थानों को प्रतिबंधित करने की शक्ति प्रदान कर दी है. सिमी पर देश में कई आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप हैं.

गृह मंत्रालय की तरफ से जारी अधिसूचना के मुताबिक सिमी पर गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) 1967 के तहत 31 जनवरी से पांच वर्ष के लिए फिर से प्रतिबंध बढ़ा दिया गया है. अधिसूचना में कहा गया है कि ‘‘अब गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम 1967 की धारा 42 के तहत शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार निर्देश देती है कि धारा सात और धारा आठ के तहत यह जिन शक्तियों का इस्तेमाल करती है उन्हें उपर्युक्त संगठन के लिए राज्य सरकारें और केंद्र शासित क्षेत्र भी कर सकेंगे.'' यूए(पी)ए की धारा सात किसी अवैध संगठन के धन के इस्तेमाल को रोकने से जुड़ी शक्ति है जबकि धारा अवैध संगठनों के स्थान पर प्रतिबंधन की शक्ति प्रदान करती है.

मंत्रालय ने कहा कि अगर सिमी की अवैध गतिविधियों को तुरंत नहीं रोका जाता है तो यह अपनी विध्वंसक गतिविधियों को जारी रखेगा, अपने कार्यकर्ताओं को फिर से संगठित करेगा जो फरार हैं और देश विरोधी भावनाएं भड़काकर देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे में गड़बड़ी करेगा और अलगाववाद के विचारों को प्रोत्साहित करेगा. मंत्रालय ने 58 मामले गिनाए जिसमें सिमी के सदस्य कथित तौर पर संलिप्त थे.

सरकार ने सिमी पर लगे प्रतिबंध को अगले पांच साल के लिए बढ़ाया 

मंत्रालय ने कहा कि संगठन सांप्रदायिक सौहार्द भंग कर लोगों के मस्तिष्क को दूषित कर रहा है, ऐसी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है जो भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं.
इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार का मानना है कि यह आवश्यक है कि सिमी को तुरंत प्रभाव से अवैध संगठन घोषित किया जाए.

सिमी के सदस्य जिन आतंकवादी कृत्यों में कथित तौर पर संलिप्त रहे उनमें 2017 में गया में हुए विस्फोट, 2014 में बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में विस्फोट और 2014 का भोपाल जेलब्रेक कांड शामिल है.

मध्य प्रदेश : जांच आयोग ने 8 सिमी आतंकियों के एनकाउंटर को जायज ठहराया, पर नहीं मिले इन सवालों के जवाब

मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल के पुलिस अधिकारियों ने सिमी के शीर्ष नेताओं सफदर नागौरी, अबु फैजल और अन्य के खिलाफ अपराधों का ब्यौरा मुहैया कराया है. जांचकर्ताओं के मुताबिक 2013 के खांडवा जेलब्रेक मामले का सरगना फैजल था.

VIDEO : सिमी के आठ आतंकियों का एनकाउंटर जायज

सिमी की स्थापना 25 अप्रैल 1977 को उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में हुई थी और संगठन भारत को इस्लामिक राज्य में तब्दील कर इसे ‘‘स्वतंत्र'' करने के एजेंडा पर काम करता है. इसे पहली बार 2001 में प्रतिबंधित किया गया था. इसके बाद से उस पर प्रतिबंध की अवधि बढ़ती रही है.
(इनपुट भाषा से)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com