देश भर से सुप्रीम कोर्ट में अब ई फाइलिंग के जरिए याचिका दाखिल हो सकेगी. देश के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे ने आज देश भर में वादियों और वकीलों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक याचिका दायर करने की सुविधा की शुरुआत की. यह ई-फाइलिंग 24x7 की जा सकती है. कोर्ट की फीस का भुगतान ऑनलाइन किया जा सकता है. इस प्रणाली में डिजिटल हस्ताक्षर का उपयोग किया जाएगा. मौजूदा प्रणाली अब पूरे देश में विस्तारित की जा रही है.
भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एसए बोबडे ने ई-फाइलिंग सुविधा का शुभारंभ करते हुए कहा कि ई-फाइलिंग को वायरस की वजह से प्रेरणा मिली, हमारी गतिशीलता के कारण नहीं. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा हर तरह के मामलों में ट्रायल नहीं किया जा सकता है. ई-फाइलिंग लेकिन दोनों के लिए है.
सीजेआई ने कहा कि बार और वादियों को प्रदान की जाने वाली सेवा की न्याय तक पहुंच होनी चाहिए. प्रौद्योगिकी का उपयोग करना सरल होना चाहिए और नागरिकों को इससे बाहर नहीं करना चाहिए. कानून के शासन की दृढ़ता से सेवा करनी चाहिए और वायरस के बावजूद हर समय काम करना चाहिए.
नई तकनीक के लिए मानसिकता में बदलाव की ओर इशारा करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हमें वर्तमान स्थिति को स्वीकार करना होगा और अपनी मानसिकता को बदलना होगा. आखिरकार इसे नए और पुराने की व्यवस्था में व्यवस्थित होना चाहिए.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग के बारे में चीफ जस्टिस ने कहा कि भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मामलों को तय करने में उपयोगी होगा. अगर अयोध्या मामले में AI का इस्तेमाल किया गया होता तो बिना देरी किए फैसला किया जाता. कुछ ऐसे मामले भी हैं जिन पर अदालत में सुनवाई होनी है.
दरअसल कोर्ट के अधिकारी यशवंत गोस्वामी की अगुवाई वाली तकनीकी टीम द्वारा इस ई-फाइलिंग को डिज़ाइन किया गया है. सुप्रीम कोर्ट की ई कमेटी के चेयरपर्सन जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ हैं जिन्होंने इसके लिए प्रयास किया. उन्होंने वकीलों से व्यवस्था सुधारने के लिए अपने सुझाव देने को कहा. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि यह प्रणाली बार के सदस्यों के लिए एक पूर्ण सेवा है.
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