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बागेश्‍वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्‍त्री से क्‍यों नाराज हैं योग गुरु रामदेव? बोले- मैं फोन करूंगा

बाबा रामदेव ने कहा, 'कथावाचक वाले मामले पर दसियों (10) प्रकार के झूठ चल रहे हैं.' लोग इन्‍हीं झूठों के इर्द-गिर्द चर्चा कर रहे हैं.

बागेश्‍वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्‍त्री से क्‍यों नाराज हैं योग गुरु रामदेव? बोले- मैं फोन करूंगा
बाबा रामदेव और धीरेंद्र शास्‍त्री
नई दिल्‍ली:

उत्तर प्रदेश के इटावा में यादव (गैर-ब्राह्मण) कथावाचक को लेकर हुए विवाद पर योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि किसी विषय पर पक्षपात पूर्ण बात करना ठीक नहीं. शूद्र का मतलब अछूत नहीं होता. हम सभी का DNA एक है. गुण और कर्म के आधार पर भेदभाव ठीक नहीं.' NDTV के साथ एक्‍सक्‍लूसिव इंटरव्‍यू में उन्‍होंने इस मुद्दे को ब्राह्मण बनाम यादव बना रहे नेताओं और संतों को खूब सुनाया. उन्‍होंने बाबा बागेश्वर के बयान पर भी उन्होंने नाराजगी जताई और कहा कि वो फोन कर उनसे इस मुद्दे पर बात करेंगे.  

... तो इसलिए नाराज हैं रामदेव! 

बाबा रामदेव ने कहा, 'कथावाचक वाले मामले पर दसियों प्रकार के झूठ चल रहे हैं. मैं बहुत दुख के साथ इस बात को कह रहा हूं कि हमारे बागेश्वर वाला बाबा जी धीरेंद्र शास्‍त्री सारे हिंदू समाज को जोड़ने की बात करते हैं. लेकिन कथावाचक मामले में वो भी झूठी बातों को लेकर  टीका-टिप्पणी करने लग गए.' उन्‍होंने कहा, 'इस मामले पर मैं भी उनको फोन करूंगा.'  

उन्‍होंने कहा, 'किसी ने मुझसे पूछा कि आप क्या हैं. मैंने कहा मैं फोर इन वन हूं. मेरे अंदर भी सभी वर्ण है. ईश्‍वर की बनाई दुनिया में भेदभाव ठीक नहीं.' 

मंदिरों के चढ़ावे के करोड़ों रुपये कहां जा रहे? 

बाबा रामदेव ने राजनीतिक दलों पर एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि हर साल मंदिरों के चढ़ावे और चंदे के एक लाख करोड़ रुपये, राजनीतिक दल लेकर बैठ जाते हैं. उन्‍होंने कहा, 'धर्म का पैसा, वे क्‍यों लेते हैं. ये पैसा तो जनकल्‍याण में, अनुष्‍ठान में जाने चाहिए. लेकिन मंदिरों का पैसा, लगभग सभी राजनीतिक दलों के लोग कब्‍जा बैठे हैं.' कुछ जगहों पर प्रबंध समितियां हैं, वहां भी अव्‍यवस्‍था है. सनातन धर्म का पैसा, सनातन के काम में जाना चाहिए. 

ब्राह्मणों के खिलाफ नहीं, लेकिन जताई नाराजगी 

बाबा रामदेव ने कहा, 'जो लोग ऐसी बातें करते हैं कि ब्राह्मणों का काम ब्राह्मणों को करना चाहिए,उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं  करना चाहिए. तो फिर जितने भी ब्राह्मण हैं उन्हें वार्ड मेंबर, एमएलए, एमपी, सीएम, पीएम वगैरह कुछ भी नहीं बनने का संकल्प ले लेना चाहिए.' उन्‍हें कहना चाहिए कि हम तो कोई चुनाव नहीं लड़ेंगे, राजनीति में नहीं आएंगे. अपनी सब दुकानें और फैक्ट्रियां बंद कर लेनी चाहिए. अपने खेत किसानों को दे देना चाहिए.' 

उन्‍होंने कहा, 'आज ब्राह्मण सारे कार्य कर रहे हैं. क्षत्रिय भी सब काम कर रहे हैं. हमारे यहां तो कई ऐसे मठ हैं जहां क्षत्रिय, जाट, गुर्जर, ओबीसी पुजारी होता है. तो क्षत्रिय भी सब काम कर रहा है. ऐसे ही वैश्य भी सारे काम कर रहे हैं. ब्रिगेडियर हैं. सेना अध्यक्ष भी बने हैं.' 

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