कोल्हापुर स्थित ऐतिहासिक महालक्ष्मी मंदिर (फाइल फोटो)
कोल्हापुर:
कई सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ते हुए महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिला स्थित ऐतिहासिक महालक्ष्मी मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में कुछ महिलाओं को प्रवेश की इजाजत दे दी गई।
बंबई हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि धार्मिक स्थलों में प्रवेश से महिलाओं को रोका नहीं जा सकता है, जिसके मद्देनजर सोमवार को यह फैसला किया गया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिंगणापुर स्थित शनि मंदिर के ट्रस्ट ने भी कुछ इसी तरह का फैसला करते हुए पुरानी मान्यताओं को दरकिनार कर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी।
कोल्हापुर के कुछ महिला संगठनों ने महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश के संबंध में भी ऐसी ही मांग रखी थी। बहरहाल, यह मंदिर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुला था, लेकिन महिलाओं का मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश वर्जित था।
जूना रजवाड़ा पुलिस थाने के इंस्पेक्टर अनिल देशमुख ने बताया कि पुलिस ने सोमवार को विभिन्न संगठनों के संबंधित प्रतिनिधियों, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति और मंदिर के पुजारियों के साथ बैठक की।
अधिकारी ने बताया कि समिति सहित पुजारियों ने यह कहा कि वे मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में नहीं हैं, जिसके बाद सोमवार को आठ महिलाओं ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और पूजा अर्चना की।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
बंबई हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि धार्मिक स्थलों में प्रवेश से महिलाओं को रोका नहीं जा सकता है, जिसके मद्देनजर सोमवार को यह फैसला किया गया। हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिंगणापुर स्थित शनि मंदिर के ट्रस्ट ने भी कुछ इसी तरह का फैसला करते हुए पुरानी मान्यताओं को दरकिनार कर मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी।
कोल्हापुर के कुछ महिला संगठनों ने महालक्ष्मी मंदिर में प्रवेश के संबंध में भी ऐसी ही मांग रखी थी। बहरहाल, यह मंदिर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए खुला था, लेकिन महिलाओं का मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश वर्जित था।
जूना रजवाड़ा पुलिस थाने के इंस्पेक्टर अनिल देशमुख ने बताया कि पुलिस ने सोमवार को विभिन्न संगठनों के संबंधित प्रतिनिधियों, पश्चिम महाराष्ट्र देवस्थान समिति और मंदिर के पुजारियों के साथ बैठक की।
अधिकारी ने बताया कि समिति सहित पुजारियों ने यह कहा कि वे मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश के विरोध में नहीं हैं, जिसके बाद सोमवार को आठ महिलाओं ने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया और पूजा अर्चना की।
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