कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)
बारां (राजस्थान):
नोटबंदी को सुपर अमीर परिवारों के फायदे के लिए यज्ञ और उस यज्ञ में मजदूरों की बलि दिए जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसंबर के बाद नोटबंदी से उत्पन्न समस्या का समाधान होने का आश्वासन दिया है, लेकिन 'आर्थिक तालाबंदी' उसके बाद भी लोगों को आहत करती रहेगी.
राहुल ने राजस्थान के बारां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'मोदी जी कहते हैं कि नोटबंदी से होने वाली परेशानी का समाधान 30 दिसंबर के बाद हो जाएगा, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ऐसा नहीं होगा. इसका असर छह-सात महीने तक और इसके बाद भी रहेगा.' उन्होंने प्रधानमंत्री के उस उद्धरण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कई बार यह आश्वासन दोहराया था कि नोटबंदी के कारण हो रही समस्या का 50 दिन के बाद समाधान हो जाएगा.
अपने करीब 40 मिनट के भाषण में राहुल ने कहा कि राष्ट्र के 'सुपर अमीर परिवारों' के फायदे के लिए गरीब, मजदूर और मध्यम वर्ग की 'नोटबंदी के यज्ञ में बलि' दी जा रही है. मोदी बार-बार नोटबंदी अभियान को भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ 'यज्ञ' बताते रहे हैं.
नोटबंदी के मसले पर दबाव बनाते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने न तो किसानों के ऋण माफ किए और न ही उन्हें उनकी बर्बाद फसल का मुआवजा दिया.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दोनों सरकारों ने बिजली की दरों में भी कमी नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि अकेले राजस्थान में इसके परिणामस्वरूप 60 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
राहुल ने कहा, 'नोटबंदी का निर्णय भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह आर्थिक तालाबंदी है. यह कालेधन के खिलाफ नहीं, बल्कि गरीबों, किसानों-मजूदरों और महिलाओं के खिलाफ है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
राहुल ने राजस्थान के बारां में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'मोदी जी कहते हैं कि नोटबंदी से होने वाली परेशानी का समाधान 30 दिसंबर के बाद हो जाएगा, लेकिन मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि ऐसा नहीं होगा. इसका असर छह-सात महीने तक और इसके बाद भी रहेगा.' उन्होंने प्रधानमंत्री के उस उद्धरण का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कई बार यह आश्वासन दोहराया था कि नोटबंदी के कारण हो रही समस्या का 50 दिन के बाद समाधान हो जाएगा.
अपने करीब 40 मिनट के भाषण में राहुल ने कहा कि राष्ट्र के 'सुपर अमीर परिवारों' के फायदे के लिए गरीब, मजदूर और मध्यम वर्ग की 'नोटबंदी के यज्ञ में बलि' दी जा रही है. मोदी बार-बार नोटबंदी अभियान को भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ 'यज्ञ' बताते रहे हैं.
नोटबंदी के मसले पर दबाव बनाते हुए राहुल ने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने न तो किसानों के ऋण माफ किए और न ही उन्हें उनकी बर्बाद फसल का मुआवजा दिया.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दोनों सरकारों ने बिजली की दरों में भी कमी नहीं की. उन्होंने आरोप लगाया कि अकेले राजस्थान में इसके परिणामस्वरूप 60 किसान खुदकुशी कर चुके हैं.
राहुल ने कहा, 'नोटबंदी का निर्णय भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह आर्थिक तालाबंदी है. यह कालेधन के खिलाफ नहीं, बल्कि गरीबों, किसानों-मजूदरों और महिलाओं के खिलाफ है.'
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