नोबेल विजेता अमर्त्य सेन (Nobel Laurate Amartya Sen) ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के भूमि विवाद में समर्थन को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का आभार जताया है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, 100 साल पुराने इस विश्वविद्यालय में 87 साल के अमर्त्य सेन समेत कई लोगों पर जमीन कब्जे के आऱोप लगे हैं.
सेन का शांतिनिकेतन (Shanti Niketan) के अंदर एक पारिवारिक घर प्रातिची है, जो उनकी नानी क्षितिमोहन सेन ने बनवाया था, क्षिति विद्वान होने के साथ गुरु रवींद्र नाथ टैगोर की सहायक थीं.सेन ने पत्र में लिखा, "मैं न केवल बेहद भावुक हूं बल्कि बेहद आश्वस्त भी हूं कि व्यस्ततम जीवन के बावजूद आप उन लोगों के बचाव में आगे आई हैं, जो निशाने पर हैं. आपकी मजबूत आवाज और इस बात की समझ कि क्या मौजूदा दौर में क्या चल रहा है, वह मेरे लिए शक्ति का बड़ा स्रोत है."
बुद्धिजीवियों ने रविवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय की जमीन पर कथित ब्जे के मामले में नोबेल अमर्त्य सेन के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया. बुद्धिजीवियों ने केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा सेन के साथ व्यवहार को ''तानाशाही एवं निरंकुश'' करार दिया था. कवि जॉय गोस्वामी एवं सुबोध सरकार, गायक कबीर सुमन, चित्रकार जोगेन चौधरी और रंगमंच से राजनीति में आए ब्रत्या बसु समेत अन्य कई हस्तियां ललित कला अकादमी के परिसर में एकत्र हुईं. मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती परिसर में पट्टे की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने की व्यवस्था करने में व्यस्त हैं. सेन नाम भी कब्जा करने वालों की सूची में रखा गया है. सेन ने कहा है कि शांति निकेतन में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है.
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