महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों ( Religious places Of Maharashtra) को खोले जाने पर इसे हिन्दुत्व की जीत बताने के भाजपा के बयान पर शिवसेना ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि धर्मस्थलों को बंद किए जाने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने जनहित को देखते हुए लिया था और इसका हिन्दुत्व से कोई लेना-देना नहीं है.
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राउत ने कहा कि लॉकडाउन (Lock Down) के साथ मंदिरों को भी बंद करने का निर्णय लिया गया था. ऐसे में भाजपा (BJP) द्वारा इसे हिन्दुत्व की जीत बताकर श्रेय लेने की कोशिश करने की कोई वजह नहीं है. राउत ने भाजपा विधायक राम कदम के बयान पर पूछे गए सवालों पर यह प्रतिक्रिया दी. राम कदम ने एएनआई से बातचीत में कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने यह निर्णय विपक्ष के भारी दबाव में आकर लिया है. महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल ने कहा है कि धार्मिक स्थल खोने का यह सही समय है. हालांकि फेस मास्क, सैनेटाइजर के इस्तेमाल के साथ धार्मिक स्थलों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना जरूरी है.
देश में धार्मिक स्थलों को खोले जाने का निर्णय केंद्र सरकार ने एक जून को अनलॉक-1 के तहत लिया था. हालांकि यह राज्य सरकारों के विवेक पर छोड़ दिया गया था कि वे कब से धर्मस्थलों को खोलती हैं. महाराष्ट्र में उस वक्त 90 हजार कोरोना के केस सामने आए थे, जो अब बढ़कर 17 लाख से भी ज्यादा हो चुके हैं. कोरोना पर काबू पाना राज्य में बेहद मुश्किल हो रहा है.
पिछले माह धर्मस्थलों को खोले जाने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच जुबानी जंग भी सामने आई थी. कोश्यारी ने उद्धव को लिखे पत्र में कहा था, क्या वह भी सेकुलर हो गए हैं. इस पर उद्धव ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. महाराष्ट्र के सीएम ने कहा था कि उन्हें किसी से सर्टिफिकेट लेने की जररूत नहीं है.
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