नई दिल्ली:
भाजपा की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस को पार्टी के निलंबित सांसद राम जेठमलानी ने लगभग खारिज करते हुए कहा कि वह वकालत के अपने पेशे में काफी व्यस्त हैं और ऐसे दस्तावेजों का जवाब देने की उनके पास फुर्सत नहीं है।
जेठमलानी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने तो कारण बताओ नोटिस के बारे में सिर्फ मीडिया से सुना है। मैंने उस महान दस्तावेज को पढ़ा नहीं है जो मेरे पास आने वाला है। जब मुझे नोटिस मिलेगा और मैं उसे पढूंगा, उसके बाद ही मैं आपको बता पाऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं- एक वकील के तौर पर मैं काफी व्यस्त हूं और 10 दिनों के अंदर इस तरह के दस्तावेज का जवाब देने का वक्त मेरे पास नहीं है।’
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह भाजपा संसदीय बोर्ड की ओर से उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर देंगे।
नोटिस में उनसे इस बाबत जवाब तलब किया गया है कि उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए।
भाजपा ने नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 10 दिन का वक्त दिया है।
जेठमलानी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने तो कारण बताओ नोटिस के बारे में सिर्फ मीडिया से सुना है। मैंने उस महान दस्तावेज को पढ़ा नहीं है जो मेरे पास आने वाला है। जब मुझे नोटिस मिलेगा और मैं उसे पढूंगा, उसके बाद ही मैं आपको बता पाऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं- एक वकील के तौर पर मैं काफी व्यस्त हूं और 10 दिनों के अंदर इस तरह के दस्तावेज का जवाब देने का वक्त मेरे पास नहीं है।’
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह भाजपा संसदीय बोर्ड की ओर से उन्हें जारी कारण बताओ नोटिस का उत्तर देंगे।
नोटिस में उनसे इस बाबत जवाब तलब किया गया है कि उनकी अनुशासनहीनता और पार्टी-विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें क्यों न पार्टी से निकाल दिया जाए।
भाजपा ने नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें 10 दिन का वक्त दिया है।
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