योगेंद्र यादव की पार्टी नहीं जीती एक भी सीट
नई दिल्ली:
दिल्ली नगर निगम चुनाव से राजनीति में कदम रखने वाली स्वराज इंडिया एक भी सीट नहीं निकाल पाई. मसलन स्वराज का खाता भी नहीं खुला. 211 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली पार्टी ने 111 महिलाओं को टिकट दिया और इसमें 19 महिला उम्मीदवार तो ऐसी जगहों से मैदान में थीं, जो सीट आरक्षित नहीं थी. स्वराज के उम्मीदवारों में एक बड़ा तबका उन उम्मीदवारों का था, जो लोकपाल या फिर अन्ना आंदोलन से जुड़े रहे. योगेंद्र यादव ने अपनी पार्टी के प्रदर्शन पर कहा कि न हमें सत्ता मिली. न ही जनादेश विपक्ष में बैठने का मिला. साफ है जनता ने कहा कि अभी आप सड़कों पर रहिए. संघर्ष कीजिए तो फिलहाल हम चौकीदारी करेंगे, लेकिन जन-जन से जुड़ने को लेकर हम पूरी दिल्ली में आने वाले दिनों में स्वराज केंद्र खोलेंगे.
इससे पहले एमसीडी चुनावों के रुझानों के बीच ही स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली ने स्पष्ट रूप से बीजेपी को अपनी प्राथमिकता बता दिया है. ये नतीजे अरविंद केजरीवाल सरकार के प्रति जनता का गुस्सा दिखा रहे हैं. योगेंद्र यादव दो साल पहले अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी में ही थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पार्टी से अलग हो गए थे.
एनडीटीवी से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने माना कि तीनों निगमों में पीएम मोदी का जादू बरकरार है. एमसीडी चुनाव में लोगों ने मुख्यमंत्री को खारिज कर दिया है और पीएम मोदी को चुन लिया है. हालांकि योगेंद्र यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि इन चुनावों में स्वराज इंडिया बहुत उम्मीदें लेकर नहीं चल रही थी. उन्होंने कहा कि यह तो शुरुआत है. हम बड़ी सीटें जीतने के लिए नहीं था, यह हमारे लिए सिर्फ एक मूलभूत चुनाव था.
इससे पहले एमसीडी चुनावों के रुझानों के बीच ही स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कहा कि दिल्ली ने स्पष्ट रूप से बीजेपी को अपनी प्राथमिकता बता दिया है. ये नतीजे अरविंद केजरीवाल सरकार के प्रति जनता का गुस्सा दिखा रहे हैं. योगेंद्र यादव दो साल पहले अरविंद केजरीवाल के साथ आम आदमी पार्टी में ही थे, लेकिन अरविंद केजरीवाल पर सवाल उठाने के बाद प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पार्टी से अलग हो गए थे.
एनडीटीवी से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने माना कि तीनों निगमों में पीएम मोदी का जादू बरकरार है. एमसीडी चुनाव में लोगों ने मुख्यमंत्री को खारिज कर दिया है और पीएम मोदी को चुन लिया है. हालांकि योगेंद्र यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि इन चुनावों में स्वराज इंडिया बहुत उम्मीदें लेकर नहीं चल रही थी. उन्होंने कहा कि यह तो शुरुआत है. हम बड़ी सीटें जीतने के लिए नहीं था, यह हमारे लिए सिर्फ एक मूलभूत चुनाव था.
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